Sunday, December 22, 2019

व्यक्तित्व का विशेषक उपागम - भाग I


विशेषक उपागम का अर्थ
             विशेषक का अर्थ होता है आनुवंशिक रूप से निर्धारित ऐसी विशेषताएं जो जीवन भर स्थिर रहती हैं। मनोविज्ञान की बोल-चाल की भाषा में व्यवहार करने के समान, स्थिर और विशिष्ट तरीके को विशेषक कहा जाता है। ये एक व्यक्ति के अवलोकन योग्य, व्यक्तिपरक और अमूर्त गुण होते हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में व्यवहार में स्थिरता सुनिश्चित करते हैं। विशेषक ऐसे मौलिक [मार्गदर्शक] कारक होते हैं जिनके आधार पर व्यवहार के परिणाम आधारित होते हैं। ये प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग तीव्रता और परिमाण (Magnitude) के साथ पाए जाते हैं। यह दृष्टिकोण विशेषकों को व्यक्तित्व के निर्माण खंडों के रूप में देखता है। एटकिंसन एवं साथियों के अनुसार "एक विशेषक किसी ऐसी विशेषता को कहा जाता है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अपेक्षाकृत स्थायी और सुसंगत (Consistent) तरीके से भिन्न होती है।" विशेषक सिद्धांतकारों का मानना ​​है कि विभिन्न व्यक्तित्व मनोवैज्ञानिक विशेषताओं के विभिन्न संयोजनों के परिणामस्वरूप होते हैं। विशेषकों के बीच सक्रिय और समकालिक अंतक्रिया अद्वितीय व्यवहार पैटर्न को जन्म देती है। विशेषकों के प्रकार और उनकी तीव्रता में समानता के आधार पर, व्यक्तियों को विभिन्न व्यक्तित्व प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।

विभिन्न विशेषक सिद्धांत
भाग I
1.         ऑलपोर्ट का विशेषक सिद्धांत
2.         टेल का विशेषक सिद्धांत
भाग II
3.         आइजैंक का विशेषक सिद्धांत
4.         पाँच कारक सिद्धांत

1.       ऑलपोर्ट का विशेषक सिद्धांत
         जी. डब्ल्यू. ऑलपोर्ट (1936) ने सुझाया है कि व्यक्तियों में कई प्रकार के विशेषक पाये जाते हैं जिनकी प्रकृति गतिशील होती है। ये विशेषक व्यवहार का इस तरह से निर्धारण करते हैं कि एक व्यक्ति एक जैसी स्थितियों में विभिन्न प्रकार का व्यवहार करता है। ये विशेषक, अन्यथा भिन्न दिखने वाली प्रतिक्रियाओं और उद्दीपकों को एकीकृत करते हैं। उन्होंने विशेषकों की तलाश में अंग्रेजी भाषा के ऐसे 4000 शब्दों का विश्लेषण किया जो एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का वर्णन करते हैं। इसके आधार पर उन्होंने विशेषकों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया :-
(i)         प्रमुख (कार्डिनल),
(ii)        केंद्रीय, और
(iii)       गौण विशेषक।
(i)       प्रमुख (Cardinal) विशेषक - ऐसे विशेषक जिनके इर्द-गिर्द ही व्यक्ति का पूरा जीवन व्यतीत होता है और उनके व्यवहार में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। व्यक्ति का व्यवहार इन विशेषकों द्वारा ही निर्देशित और विनियमित (Regulate) होता है। उदाहरण के लिए सुभाष चंद्र बोस का राष्ट्रवाद और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का हॉकी के लिए जुनून। ऐसे विशेषक अक्सर व्यक्ति के नाम के साथ ही जुड़ जाते हैं।
(ii)      केंद्रीय विशेषक - ये विशेषक कमोबेश सभी लोगों (जैसे, ईमानदार, ईमानदार, सीधे आदि) में पाए जाते हैं और अक्सर नौकरी की संतुति व सिफारिश के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रमुख हिस्सा होते हैं।
(iii)     गौण विशेषक – इन विशेषकों का स्वभाव ही ऐसा होता है की व्यक्तित्व निर्माण में इनका कम योगदान कम ही होता है। इन विशेषकों में स्थिरता भी कम ही पाई जाती है (जैसे बात करने की शैली, बालों का स्टाइल, मिठाई खाने का शौक, फटी जीन्स पहनने का शौक आदि)।


2.       कैटेल का विशेषक सिद्धांत
             रेमंड कैटेल ने सुझाव दिया है कि लोग एक सामान्य प्रकार की संरचना के आधार पर भिन्न होते हैं। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में पाए जाने वाले बड़ी संख्या में वर्णनात्मक विशेषणों से प्राथमिक विशेषकों की पहचान करने की कोशिश की। उन्होंने कारक विश्लेषण विधि का उपयोग करके इन विशेषणों में से एक सामान्य संरचना की खोज करने का प्रयास किया। जिसके फलस्वरूप उन्हें 16 विशेषक मिले, जिन्हें उन्होंने प्राथमिक या स्रोत विशेषक कहा।
(i)        स्रोत विशेषकइन विशेषकों को व्यक्तित्व के निर्माण खंड (building blocks) के रूप में जाना जाता है, ये अपेक्षाकृत स्थिर और सामान्य व्यव्हार के दौरान इनका अवलोकन नहीं किया जा सकता है। ये सतही विशेषकों के गुच्छन का परिणाम होते हैं। उदाहरण के तौर पर, कोई व्यक्ति यदि हमेशा समय पर पहुंचता है, ईमानदारी दिखाता है, सच बोलता है, सलीके से कपड़े पहनता है आदि। इन विशेषकों के माध्यम से हम अनुमान लगा सकते हैं कि व्यक्ति 'सुसंस्कृत' है। यहाँ पर 'सुसंस्कृत' का स्रोत विशेषक का उदाहरण है।
(ii)      सतही विशेषकएक ऐसी विशेषता जो ऐसे अंतर्संबंधित (interrelated) व्यवहारों के एक समूह के रूप में अभिव्यक्त होती है जिसका अवलोकन (observation) संभव हो(APA) ये विशेषक समय के साथ स्थिर होते हैं तथा दिन-प्रतिदिन के व्यवहार में अभिव्यक्त भी होते हैं उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति हमेशा समय पर पहुंचता है, ईमानदारी दिखाता है, सच बोलता है, सलीके से कपड़े पहनता है इत्यादि निर्णायक रूप से सतही विशेषकों के उदाहरण हैं।

सन्दर्भ:
1.         https://en.wikipedia.org/wiki/Gu%E1%B9%87a.
2.         http://egyankosh.ac.in/bitstream/123456789/ 23532/1/Unit-1.pdf.
3.         https://dictionary.apa.org/surface-trait.
4.         https://en.wikipedia.org/wiki/Big_Five_ personality_traits.



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