अर्थ और परिभाषा
अर्थ – परिवीक्षण, प्रत्यक्षण और ध्यानपूर्वक देखना।
परिभाषा – एक व्यवस्थित और निष्पक्ष रूप से प्रदत्त या आवश्यक जानकारी इकट्ठा करने और रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया को अवलोकन या ऑब्जरवेशन कहा जाता है।
परिचय
मनोवैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वैज्ञानिक अवलोकन
डेटा संग्रह करने की महत्वपूर्ण विधि होती है। अवलोकन, जागरूक रहते हुए की गई एक चयनात्मक प्रक्रिया होती है तथा पूर्वनिर्धारित उदेश्यों द्वारा निर्देशित होती है। इकट्ठा की गई जानकारी व्यवस्थित रूप से दर्ज और सारणीबद्ध की जाने के बाद उसका उचित विश्लेषण किया जाता है। सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में डेटा संग्रह के लिए अवलोकन विधि का अक्सर प्रयोग होता है। दिलचस्प रूप से अगर देखें तो हर प्रमुख आविष्कार/खोज गहन अवलोकन का ही परिणाम है।
वैज्ञानिक अवलोकन
वैज्ञानिक अवलोकन रोजमर्रा के अवलोकन, अक्सर जिसमें हम संलग्न होते हैं, से निम्नलिखित आधारों पर भिन्न होता है।
(i) यह एक चयनित और पूर्व-निर्धारित व्यवहार का अवलोकन होता है।
(ii) इसमें एकत्र की गई जानकारी की व्यवस्थित और उचित रिकॉर्डिंग शामिल होती है।
(iii) दर्ज की गई जानकारी का उपयुक्त विश्लेषण किया जाता है।
(iv) आम लोगों द्वारा समझी जाने वाली भाषा में परिणामों की व्याख्या की जाती है।
पर्यवेक्षण के प्रकार
विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक पर्यवेक्षण
(i)
प्राकृतिक अवलोकन – वास्तविक जीवन की स्थितियों या प्राकृतिक वातावरण में किए गए वैज्ञानिक पर्यवेक्षण को प्राकृतिक अवलोकन कहा जाता है जैसे कि एक शादी समारोह में लोगों के नृत्य का पर्यवेक्षण।
फायदे – वास्तविक जीवन के व्यवहार और पूर्ण स्थिति का अध्ययन एक बार में ही किया जा सकता है।
दोष – बाहरी चरों पर कोई नियंत्रण न होने के कारण वे परिणाम को सार्थक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। प्राकृतिक स्थिति में होने वाले सभी प्रकार के व्यवहारों का पर्यवेक्षण एकसाथ संभव नहीं होता है। और एक ही स्थिति का विभिन्न पर्यवेक्षकों द्वारा किये गये पर्यवेक्षण में परिवर्तन देखा जाता है।
(ii) नियंत्रित अवलोकन – नियंत्रित परिस्थितियों में प्रयोगशाला में किया गया अवलोकन नियंत्रित अवलोकन कहलाता है। प्राचीनतम अनुबंधन और डार्ले एवं लताने का प्रयोग।
फायदे – आश्रित चर पर स्वतंत्र चर का प्रभाव वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया जा सकता है। परिणाम आसानी से दोहराए जा सकते हैं।
दोष – नियंत्रित अवलोकन के परिणाम बाहरी वैधता की कमी से ग्रस्त पाए जाते हैं तथा प्रतिभागी यह जानकर कि उनका अवलोकन किया जा रहा है अपने व्यवहार में परिवर्तन कर देते हैं।
(iii) सहभागी अवलोकन – जब पर्यवेक्षक समूह का सक्रिय सदस्य बन कर उनका पर्यवेक्षण करता है। यह 2 प्रकार का होता है:-
(a) समूह इस बात से अभिज्ञ होता है की उनका अवलोकन किया जा रहा है।
(b) समूह इस बात से अनजान होता है कि उनका अवलोकन किया जा रहा है।
फायदे – समूह के सदस्यों के प्राकृतिक व्यवहार के पर्यवेक्षण के साथ-साथ उनके अज्ञात पक्ष को आसानी से समझा जा सकता है।
दोष – इस प्रकार का अवलोकन प्रयोगकर्ता पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो सकता है और वास्तविक समय में अवलोकन के साथ उसका रिकॉर्ड बनाना मुश्किल होता है। इसमें अत्यधिक श्रम और समय
की आवश्यकता होती है।
(iv) असहभागी पर्यवेक्षण – जब पर्यवेक्षक उस समूह का हिस्सा नहीं होता है (पैसिव सदस्य) जिसका पर्यवेक्षण किया जा रहा होता है यानी बिना किसी प्रकार के हस्तक्षेप के समूह का पर्यवेक्षण।
फायदे – प्रयोगकर्ता का प्रतिभागियों के व्यवहार और प्रयोगात्मक स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
दोष – प्रयोगकर्ता के पूर्वाग्रह (प्रयोग की वस्तुनिष्ठता पर नकारात्मक) प्रयोग के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
(v)
संरचित या व्यवस्थित अवलोकन – संरचित अवलोकन में विशेषताओं की अनुसूची तैयार की जाती है और अवलोकन के दौरान इस अनुसूची का सख्ती से पालन किया जाता है।
फायदे – समय और प्रयासों में किफ़ायती होता है, निष्पक्षता, विश्वसनीयता और वैधता अपेक्षाकृत बेहतर होती है।
दोष – अवलोकन से सम्बन्धी सूक्ष्म विशेषताओं का निरीक्षण करना लगभग असंभव होता है। कई बार सांस्कृतिक पहलू भी अवलोकन में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
(vii) क्षेत्र पर्यवेक्षण – ऐसा अवलोकन जो कृत्रिम वातावरण (अस्पतालों, कक्षाओं आदि) के बजाय क्षेत्र (घटना बिंदु पर) में ही किया जाता हो।
फायदे – प्राथमिक (प्रदत्त ) डेटा बिना किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से एकत्र किया जा सकता है। क्षेत्र पर्यवेक्षण शोधकर्ता को वास्तविक समय की स्थितियों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।
दोष – अत्यधिक समय और श्रम की आवश्यकता होती है, नमूने में विविधता की अधिकता होती है। समूह की अनन्यता संबंधी नैतिकता भी एक मुद्दा हो सकता है।
अवलोकन में पक्षपात
एक अध्ययन के डिजाइन या निष्पादन में त्रुटि के रूप में एक पूर्वाग्रह, जो ऐसे परिणाम उत्पन्न करता है जो व्यवस्थित रूप से विकृत होते हैं (रैनस्टैम, 2008)। अवलोकन के दौरान निम्नलिखित तीन प्रकार के पूर्वाग्रह पाए जाते हैं।
हम चीजों को वैसा नहीं देखते हैं, जैसी वे होती हैं बल्कि उनको हम वैसा देखते हैं जैसा हम देखना चाहते हैं
(i) प्रेक्षक पूर्वाग्रह – इसे शोधकर्ता पूर्वाग्रह या प्रयोगकर्ता पूर्वाग्रह के नाम से भी जाना जाता है। एक पर्यवेक्षक जो देखना या महसूस करना चाहता है उसका उसी प्रकार अवलोकन करने का झुकाव भी हो जाता है। यह विभिन्न स्रोतों से एकत्रित ज्ञान, सूचना और पूर्वकल्पित धारणाओं के परिणाम स्वरुप किसी समूह या व्यक्ति के विषय में उत्पन्न होता है।
(ii) सांस्कृतिक पक्षपात – व्यक्ति के सांस्कृतिक लालन पालन व झुकाव के कारण होने वाले पूर्वाग्रह यानी स्वयं की संस्कृति के मानदंडों और मानकों के मद्देनजर चीजों का अवलोकन करना और व्याख्या करना।
(iii) सूचना पक्षपात – रिकॉर्डिंग (एक उपकरण द्वारा), रिपोर्टिंग तथा प्रत्याह्वान के दौरान उत्पन्न होने वाले पूर्वाग्रह, सूचना पक्षपात के अंतर्गत आते हैं। इसे गलत-वर्गीकरण पूर्वाग्रह के रूप में भी जाना जाता है (Ranstam,
2008)।
References:
1. NCERT, XI Psychology Text
book.
2. http://www.elon.edu/docs/e-web/org/percs/
observation.pdf.
3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/
PMC2780010/
4. Ranstam, J. (2008) Bias in
Observational Studies, Acta Radiologica, 49:6,
644-645 (https://doi.org/10.1080/02841850802075082).
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