Sunday, July 27, 2025

Do you want to become Asst Professor in Haryana?


दोस्तों, मैं अपने अनुभव से आपको बता रहा हूँ की आप एचपीसी के असिस्टेंट प्रोफेसर्स के एग्ज़ैम की तैयारी करेंगे? मैंने  अभी तक जो पेपर हो चूके हैं उनका विश्लेषण किया है और उस विश्लेषण के आधार पर ही मैं कुछ इनसाइट्स पर पहुंचा हूँ।और वो इनसाइट्स मैं  आज आपके साथ शेयर कर रहा हूँ। 

1.         सबसे पहली बात आप अपने सब्जेक्ट से संबंधित हरियाणा की जितनी भी यूनिवर्सिटीज़ है उन सभी का पीजी का सिलेबस डाउनलोड कर लीजिये। फिर उस सिलेबस को आप अपने यूजीसी या सी एस आई आर  के सिलेबस के साथ मिलान कीजिये। जो मटिरीअल आपके पीजी एमए या एम अस सी में पढ़ाया जा रहा है  उस मटेरियल से बहुत कम प्रश्न आने की संभावना है। और जो पोर्शन आप के सिलेबस में नहीं है, बट यूजी के सिलेबस में है। उसमें से रिटर्न के पेपर में आने की संभावना ज्यादा है।ये पुराने पेपर्स अभी तक बता रहे।


2.         दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात? आप अपने सब्जेक्ट से सम्बन्धित यूजीसी नेट के पिछले 5 साल के यूजीसी नेट का पेपर ले लीजिये। उनको आप यूनिट वाइज डिस्ट्रीब्यूट कर लीजिए की किस किस यूनिट  से पेपर आया हुआ है? और आप को उसमें एक  पैटर्न मिलेगा। तो आप क्या करे जो यूनिट छूट गई है उनकी आप पूरी तरह से तैयारी  कीजिये।


3.         तीसरी
बात। जिन लोगों ने स्क्रीनिंग दे दिया है।यह उनके लिए भी है या जिनका अभी स्क्रीनिंग होना है यह उनके लिए भी है। जिन लोगों ने स्क्रीनिंग दिया है, वह अब क्या करें? अपने स्क्रीनिंग का जो पेपर था उसको भी आप यूनिट्स में डिवाइड कर लीजिये।और ध्यान रखिये की जो यूनिट्स आपके स्क्रीनिंग में आई है। उन यूनिट से रिटेन टेस्ट में कम से कम प्रश्न आने की सम्भावना है। जिनका अभी स्क्रीनिंग भी नहीं हुआ है वो लोग इस बात का ध्यान रखें की कुछ यूनिट से स्क्रीनिंग में ज्यादा आएगा और कुछ यूनिट से आपके रिटर्न में ज्यादा आएगा। फॉर एग्जाम्पल अगर आपके पेपर में न्यूमेरिकल्स है तो याद रखियेगा स्क्रीनिंग में न्यूमेरिकल्स के आने की संभावना ऑलमोस्ट 20 से 30%है, जबकि वहीं पर रिटेन में बिल्कुल ऑपोजिट है। आपका जो रिटर्न का एग्जाम होगा उसमें न्यूमेरिकल्स ऑलमोस्ट 70 से 80% तक आ सकते हैं।

4.         चौथी बात। आप आपके पूरे यूजीसी की नेट के सिलबस पर एक नज़र डालिए?और जो टॉपिक लगता है कि मैंने कभी नहीं पढ़ा और बहुत ही बोरिंग है उसको आपको बिलकुल नही छोड़ना है। उस टॉपिक को आप बिल्कुल ध्यान से पढ़िए और उसकी गहराई तक जाइए। मेरे कहने का यह मतलब है कि आप किसी भी टॉपिक के साथ कोई रिस्क नहीं ले सकते हैं। जैसा प्रीवियस पेपर्स हुए हैं, उनके विश्लेषण से मुझे यह पता चला है कि इस बार स्क्रीनिंग में और रिटन एग्जाम दोनों में पुरे के पुरे सिलेबस को कवर करने की कोशिश की गई है।

7.         सातवीं बात इस एग्जाम में खास करके क्वेश्चन पेपर को एक लेंथी बनाने की कोशिश की गई है। तो आप वो यूनिट्स और वो टॉपिक जिसमें लंबे लंबे प्रश्न पूछे जा सकते हैं जरूर पढ़ें।

 

5.         पांचवीं बात। बहुत से स्टूडेंटस केवल यूजीसी नेट के पिछले 10 साल के पेपर्स हैं या जून 2012 से लेकर आज तक हुए हैं उनको पढ़ने की तैयारी कर रहे हैं और उन पर ही डिपेंड है। नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इस बार जैसा मुझे लग रहा है कि पेपर्स को बहुत ही इंटेलीजेंटली सेट किया गया है। तो आपको यूजीसी नेट के पेपर जरूर पढ़ने है। उनके जो एम्सीक्यू है उन  एम सी क्यू का केवल आपको करेक्ट आन्सर नहीं पढ़ना है। एम सी क्यू में दिए गए चारों ऑप्शंस को आपको डीप स्टडी करना है।

6.         छठी बात (स्क्रीनिंग के लिए)।आप यूपीएससी के कुछ क्वेश्चन्स उठाकर देखिए की वो किस प्रकार से से पूछे गए हैं। उन प्रश्नों को भी एक बार आप अपनी नज़र में से निकालें। मैं यहाँ ये नहीं कह रहा हूँ कि आप यूपीएससी के सभी क्वेश्चन्स को आप डाउनलोड कीजिये और उनको लिखकर प्रैक्टिस कीजिए। अगर आप ये कर लेते हैं तो ये बहुत अच्छी बात है लेकिन मैं आपको ये कह रहा हूँ कि एक बार उस पेपर्स का पैटर्न जरूर देख लीजिए हो सकता है वो पैटर्न आपके काम का हो।

 

चलिए आप बात करते हैं की अच्छा स्कोर करने के लिए आप पेपर किस प्रकार अटेम्प्ट करें

1.         सबसे पहली बात आप अपने आप को मानसिक रूप से स्फूर्ति और ताजगी से भरा महसूस करें।

2.         दूसरी बात क्वेश्चन को सावधानीपूर्वक पढ़ें। बहुत बार देखा गया है की स्टूडेंट्स प्रश्न को ध्यान से नहीं पढ़ते है, मात्र पहले दो तीन शब्द पढ़कर उत्तर लिखना शुरू कर देते हैं। प्रश्न पढ़ने के बाद लगभग 10 सेकंड तक आंख बंद करके सोचिये कि मुझे लिखना क्या है? इसको बोलते हैं मेंटल प्लानिंग।

3.         आप को पोर्ट्रेट में लिखना है और आप एक लाइन में मैक्सिमम छह से सात अक्सर ही लिखें।

4.         अगली बात । कोई।शब्द आपका गलत लिखा गया है तो उसको इस तरह से ना काटे की पेज ही  फट जाए आप उसको केवल गोल करके छोड़ दें।

5.         अगली बात। लिखते वक्त आप अपने हिसाब से या अपने मुताबिक प्रश्न का उत्तर न दें। आप प्रश्न के मुताबिक ही प्रश्न का उत्तर दें या प्रश्न में जो थ्योरिटिकल फ्रेमवर्क उभर कर आ रहा है उसके अनुसार उत्तर दें अगर आप अपने मुताबिक उत्तर देंगे तो याद रखना की नंबर भी आपके मुताबिक ही आएँगे।

6.         अगली बात। अपने आन्सर्स को आप पॉइंट वाइज लिखें।उदाहरण के तौर पर, अगर किसी क्वेश्चन में यह पूछा गया है की लर्निंग की कौन कौन सी थ्योरीज है? तो आप सबसे पहले लिखें क्लासिकल कन्डिशनिंग, ऑपरेट कंडीशन, ऑब्जर्वेशन लर्निंग आदि। पॉइंट वाइज लिखने के बाद आप फिर एक फ्लो डायग्राम बनाइये। उसके बाद फिर लिखिए क्लासिकल कन्डिशनिंग और उसको एक्सप्लेन कीजिए।आपको ये पैटर्न फॉलो करना है।

7.         अगली बात।  हर एग्ज़ैम में आपको डायग्राम जरूर बनाना है। डायग्राम साफ सुथरा होना चाहिए। डायग्राम को सजाने की जरूरत नहीं है, आप डायग्राम  को अपने पेन से ही बना सकते हैं।



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