व्यक्तित्व सम्बन्धी
कथन
“सही दिशा में जाने वाला व्यक्ति अपने अंदर एक नए
व्यक्ति
का निर्माण करता है; उचित कार्य और उचित
चिंतन
से वह एक नए
व्यक्तित्व को प्राप्त होता
है।”
– आदि
शंकराचार्य
“मेरे काम के पीछे महत्वाकांक्षा
थी, मेरे प्रेम के पीछे मेरा
व्यक्तित्व था, मेरी पवित्रता के पीछे भय
था, मेरे मार्गदर्शन के पीछे सत्ता
की प्यास थी। अब वे सभी
गायब हो रहे हैं
और मैं प्रवाहित हो रहा हूं।
मैं आ रहा हूँ,
माँ, मैं आ रहा हूँ,
तेरे उष्ण अभ्यंतर में, बहने को तैयार हूँ
उस मौन, अजीब से आश्चर्य से
परिपूर्ण उस स्थान पर
जहाँ तक तू मुझे
ले जा सके, मैं
यहाँ आया हूँ - एक दर्शक बनकर,
कोई अभिनेता
नहीं।“
- स्वामी
विवेकानंद
व्यक्तित्व और गीता
भगवद
गीता: 16.1,2,3
श्रीभगवानुवाच अभयं
सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।
दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्॥ [16-1]
दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्॥ [16-1]
अहिंसा सत्यमक्रोधस्त्यागः शान्तिरपैशुनम्।
दया भूतेष्वलोलुप्त्वं मार्दवं ह्रीरचापलम्॥ [16-2]
दया भूतेष्वलोलुप्त्वं मार्दवं ह्रीरचापलम्॥ [16-2]
तेजः क्षमा धृतिः शौचमद्रोहो नातिमानिता।
भवन्ति संपदं दैवीमभिजातस्य भारत॥ [16-3]
भवन्ति संपदं दैवीमभिजातस्य भारत॥ [16-3]
भगवान ने कहा:
निर्भयता, अस्तित्व की शुद्धि, आध्यात्मिक
ज्ञान की साधना, दान,
आत्मसंयम, त्याग का निष्पादन, वेदों
का अध्ययन, तपस्या और सरलता; अहिंसा,
सत्यता, क्रोध से मुक्ति; त्याग,
शांति, दोष खोजने से घृणा, लोभ,
दया और स्वतंत्रता; सज्जनता,
शील और स्थिर निश्चय;
शक्ति, क्षमा, भाग्य, स्वच्छता, ईर्ष्या से स्वतंत्रता और
सम्मान के लिए जुनून
- हे भरतपुत्र, ये पारलौकिक गुण
दिव्य प्रकृति से संपन्न धर्मात्मा
पुरुष में विद्यमान होते हैं।
व्यक्तित्व: भारतीय
परिप्रेक्ष्य
से
चरक
संहिता, तीन तत्वों (त्रिदोष) के आधार पर
लोगों को वात, पित्त
और कफ में वर्गीकृत
करती है। ये तीन प्रकार
के स्वभाव हैं, जिन्हें किसी व्यक्ति का प्राकृत (मूल
स्वभाव) कहा जाता है। यह संहिता सत्व,
रजस और तमस त्रिगुणों
के आधार पर व्यक्तित्व की
टाइपोलॉजी की भी व्याख्या
करती है।
अर्थ और
संक्षिप्त
परिचय
हर व्यक्ति एक
ही समय में अद्वितीय एवं समान होता है। इन दो विपरीत
विचारों को समझने के
लिए मनोवैज्ञानिक ‘व्यक्तित्व’ का अध्ययन करते
हैं जो व्यवहार का
एक पैटर्न होता है एवं समय
के साथ अपेक्षाकृत स्थिर रहता है। Personality लैटिन भाषा के Persona शब्द से लिया गया
है जिसका अर्थ होता है ‘मुखौटा’। मुखोटे का इस्तेमाल रोमन
अभिनेताओं द्वारा मुखोटे की विशेषताओं के
अनुसार भूमिका निभाने के लिए अपने
चेहरे के मेकअप को
बदलने के लिए किया
जाता था। वास्तव में इसका मतलब यह नहीं है
कि भूमिका निभाने वाला व्यक्ति आवश्यक रूप से उन्हीं गुणों
से परिपूर्ण हो। व्यक्तित्व के मामले में
भी ऐसा ही होता है,
अर्थात किसी व्यक्ति के बाह्य स्वरुप
को उसका व्यक्तित्व नहीं माना जा सकता है।
फिर व्यक्तित्व क्या होता है? यह एक मनोवैज्ञानिक
संकल्पना होती है जिसमे विभिन्न
स्थितियों में व्यवहार, विचारों और भावनाओं में
स्थिरता पाई जाती है। मनोवैज्ञानिकों
ने शोध के माध्यम से
इस संकल्पना को समझने और
परिभाषित करने के लिए भरसक
प्रयास किये हैं।
परिभाषा
व्यक्तित्व
से तात्पर्य उन अद्वितीय और
अपेक्षाकृत स्थिर गुणों से होता है
जो किसी व्यक्ति के व्यवहार को
एक समयावधि में विभिन्न स्थितियों में विशिष्टता प्रदान करते हैं (NCERT, XII)।
लोगों
द्वारा सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने
का यह एक अद्वितीय
और अपेक्षाकृत स्थिर तरीका होता है (Ciccarelli and Meyer,
2016)।
व्यक्तित्व
से तात्पर्य सोच, महसूस और व्यवहार में
व्यक्तिगत अंतर से होता है।
संक्षेप में, सभी गुणों के कुल योग
को व्यक्तित्व कहा जाता है।
व्यक्तित्व की प्रकृति
व्यक्तित्व
की अवधारणा और प्रकृति को
समझने के लिए हमें
व्यक्तित्व की कुछ विशेषताओं
को समझना होगा।
1. इसमें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों
घटक होते हैं।
2. व्यवहार की दृष्टि से
इसकी अभिव्यक्ति हर व्यक्ति में
अनन्य होती है।
3. इसकी मुख्य विशेषताएं समय के साथ आसानी
से बदलती नहीं हैं।
4. व्यक्तित्व गत्यात्मक होता है क्योंकि इसकी
कुछ विशेषताएं आंतरिक और बाहरी स्थितिपरक मांगों के कारण परिवर्तित
हो सकती हैं।
इस प्रकार व्यक्तित्व
स्तिथियों के प्रति अनुकूलनशील
होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के
आंकलन के बाद उसके
व्यवहार का अनुमान लगाना
आसान होता है। हालांकि स्थितिजन्य कारक व्यवहार की अभिव्यक्ति को
प्रभावित करते हैं बावजूद इसके मानव व्यवहार में निरंतरता पाई जाती है। व्यक्तित्व की प्रकृति को
समझने के लिए विभिन्न
निम्नलिखित दृष्टिकोण (उपागम) प्रस्तावित किए गए हैं: -
1. शीलगुण (विशेषक),
2. प्ररूप,
3. अन्तःक्रियात्मक ,
4. मनोगतिक,
5. व्यवहारवादी,
6. मानवतावादी एवं
7. सांस्कृतिक उपागम।
1. शीलगुण (विशेषक)
उपागम
– यह दृष्टिकोण व्यक्तित्व को विशिष्ट मनोवैज्ञानिक
विशेषताओं, बुनियादी घटकों तथा व्यक्तित्व निर्माण के मूल तत्व
जो समय के साथ स्थिर
होते हैं और विभिन्न व्यक्तियों
में अलग-अलग होते हैं के आधार पर
परिभाषित करता है।
2. प्ररूप उपागम
– यह दृष्टिकोण व्यक्तियों के व्यवहार संबंधी
विशेषताओं का अवलोकन तथा
कुछ व्यापक पैटर्न की जांच करके
व्यक्तित्व को समझने का
प्रयास करता है।
3. अन्तः क्रियात्मक
उपागम
– यह उपागम मानता है कि स्थितिजन्य
कारक व्यक्ति के व्यव्हार की
अभिव्यक्ति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
4. मनोगतिक उपागम
– यह उपागम मुक्त साहचर्य (एक ऐसी विधि
जिसमें व्यक्ति को उसके मन
में आने वाले सभी विचारों और भावनाओं को
साझा करने के लिए कहा
जाता है), सपनों का विश्लेषण और
मन की प्रक्रिया को
समझने के लिए त्रुटियों
का विश्लेषण का उपयोग करता
है।
5. व्यवहारवादी उपागम
– यह दृष्टिकोण उद्दीपक-प्रतिक्रिया साहचर्य और उनके सुदृढीकरण
के परिणाम स्वरूप सीखने पर केंद्रित होता
है। इसके अनुसार व्यक्तित्व को व्यक्ति की
पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया
के रूप में समझा जा सकता है।
6. मानवतावादी उपागम
– मानवतावादी दृष्टिकोण व्यक्तित्व को समझने के
लिए जीवन के सकारात्मक पहलुओं
जैसे आत्म-सम्मान, आत्म-स्वीकृति, आत्म-जागरूकता, अपने जीवन की स्वयं जिम्मेदारी
और आत्म-सिद्धि के महत्व पर
जोर देता है।
7. सांस्कृतिक उपागम
– सांस्कृतिक दृष्टिकोण मानता है कि व्यक्तित्व
पारिस्थितिकी और संस्कृति की मांगों के
प्रति समूह या व्यक्ति का
अनुकूलन होता है।
व्यक्तित्व संबंधी अवधारणाएँ
व्यक्तित्व की अवधारणा को
जानने के लिए उन
अवधारणाओं को जानना आवश्यक
होता है जो व्यक्तित्व
से निकटता से संबंधित होती
हैं।
(i) स्वभाव (Temperament) – जैविक रूप
से आधारित प्रतिक्रिया करने का विशिष्ट तरीका।
(ii) शीलगुण (विशेषक) (Trait) – व्यवहार करने का स्थिर, सतत
और विशिष्ट तरीका।
(iii) स्ववृत्ति (Disposition) – किसी स्थिति
विशेष में व्यक्ति की एक विशिष्ट
तरीके से प्रतिक्रिया करने
की प्रवृत्ति।
(iv) चरित्र (Character) – नियमित
रूप से घटित होने
वाले व्यवहार का समग्र रूप।
(v) आदत (Habit) – व्यवहार
करने का अत्यधिगत ढंग।
(vi) मूल्य (Value) – लक्ष्य
और आदर्श जो महत्वपूर्ण और उपलब्धि की
योग्य माने जाते हैं।
सन्दर्भ:
1. NCERT, (2013). XI Psychology Text book.
2. https://www.azquotes.com/author/15121-Swami_Vivekananda/tag/personality.
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बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी
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