Tuesday, December 10, 2019

मनोविज्ञान की विधियां : सर्वेक्षण


परिभाषा
       सर्वेक्षण, अनुसंधान की एक ऐसी विधि होती है जिसमे पूर्वनिर्धारित उद्देश्यों के आधार पर किसी जनसँख्या से सहसंबंध और कारण संबंधों को स्थापित करने के लिए विशिष्ट डाटा एकत्र किया जाता है।
नोट: भारत में जनगणना हर दस साल में किया जाने वाला सबसे बड़ा सर्वेक्षण होता है।
परिचय
      यह एक प्राथमिक डेटा इकट्ठा करने की तकनीक होती है। इसे पहले-पहल किसी मुद्दे या नीतिगत निर्णय के संबंध में सामान्य आबादी के दृष्टिकोण और राय जानने के लिए प्रयोग में लाया गया था। आधुनिक समय में डेटा विश्लेषण में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सर्वेक्षण को डेटा संग्रह करने का एक प्रचलित तरीका बनाया जिससे निर्णय लेने में महत्वपूर्ण मदद मिली। समय के साथ साथ यह एक विश्वसनीय डेटा संग्रहण तकनीक के रूप में विकसित हुई। सामाजिक विज्ञान विभिन्न मनो-सामाजिक समस्याओं को समझने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र करने के लिए अक्सर इस पद्धति का प्रयोग करते हैं। आवश्यक सूचना को इकट्ठी करने के लिए सर्वेक्षण विधि विभिन्न तकनीकों का उपयोग करती है।   
सर्वेक्षण प्रकार –बनाम –सर्वेक्षण की डेटा संग्रह तकनीक
1.    व्यक्तिगत साक्षात्कार
      (a)   संरचित (Structured) साक्षात्कार
      (b)   असंरचित (Unstructured) साक्षात्कार
      व्यक्तिगत साक्षात्कार, आमने-सामने या सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से सूचना एकत्र करने की एक तकनीक होती है। एक साक्षात्कार एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया होती है जिसमे उत्तरदाताओं सेतथ्यात्मक जानकारी, राय एवं दृष्टिकोण, और किसी विशिष्ट व्यवहार आदि के कारण जानने के लिए किया जाता है (NCERT)।
(a)   संरचित  (Structured) साक्षात्कार – पूछे जाने वाले प्रश्नों की अनुसूची और उनकी मानक प्रतिक्रियाएँ पहले से ही तैयार की जाती हैं। इन प्रश्नों को क्लोज एंडेड प्रश्नों के रूप में भी जाना जाता है। प्रार्थी से व्यवस्थित रूप से अनुसूची से ही प्रश्न पूछे जाते हैं। संरचित साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ता को प्रार्थी से सूची से परे प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं होता है। इसे औपचारिक या मानक साक्षात्कार के रूप में भी जाना जाता है। उदाहरण के तौर पर रोजगार के लिए साक्षात्कार। 
लाभ - संचालन करने में आसान और परिणामों को दोहराया जा सकता है और विश्वसनीयता भी अच्छी होती है।
दोष – प्रयोग में कठोर एवं अनम्य (rigid & fixed)।
(b)   असंरचित (Unstructured) साक्षात्कार – असंरचित साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ता साक्षात्कार के उद्देश्य से संबंधित प्रश्न पूछने के लिए स्वतंत्रत होता है। इस प्रकार के साक्षात्कार में न तो प्रश्नों के अनुक्रम और न ही सख्त शब्दों को चुना जाता है। इस प्रकार के साक्षात्कार में प्रयोग होने वाले प्रश्नों को ओपन एंडेड प्रश्नों के रूप में भी जाना जाता है। इसी तरह प्रश्नों के प्रति प्रार्थी की प्रतिक्रियाएं भी तय नहीं होती हैं।
गुण - प्रश्नों और प्रतिक्रियाओं के प्रति साक्षात्कारकर्ता और प्रार्थी दोनों को उपयुक्त लचीलापन और स्वतंत्रता प्राप्त होती है। गहन विवरण और सूचनाएं प्राप्त कि जा सकती हैं।
दोष - समय और धन के मायनों में अत्यधिक खर्चीला होता है। इस तरह के साक्षात्कार के संचालन के लिए कुशल साक्षात्कारकर्ता की आवश्यकता होती है।
2.         प्रश्नावली
            (i) प्रत्यक्ष प्रश्नावली (Direct Questionnaire)
            (ii) पोस्ट के माध्यम से प्रश्नावली (Questionnaire by post)     
यह सबसे ज्यादा प्रयोग में लाई जाने वाली, सुविधाजनक और किफायती सर्वेक्षण पद्धति होती है। यह विशेषरूप से किसी दृष्टिकोण, विश्वास या राय जानने के लिए एक कुशलतापूर्वक तैयार किया गया प्रश्नों का सेट होता है। प्रश्नावली में उत्तरदाताओं को दिए गए प्रतिक्रिया पत्रक पर अपने उत्तरों को चिह्नित करना होता है। प्रश्नावली में आत्मनिष्ठ (subjective) और वस्तुनिष्ठ (objective) प्रश्न हो सकते हैं। इनका उपयोग गुणात्मक और मात्रात्मक प्रकार का डेटा संग्रह के लिए किया जाता है। प्रश्नावली के माध्यम से भौगोलिक जानकारी भी एकत्र की जाती है।
(i) प्रत्यक्ष प्रश्नावली - जब प्रश्नों का सेट सीधे व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को उनकी प्रतिक्रिया  जानने के लिए दे दिया जाता है।
(ii) डाक द्वारा प्रश्नावली - जब प्रश्नों का सेट व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को एक उत्तर  (reply) लिफाफे के साथ डाक द्वारा भेजा जाता है।
गुण - संचालन करने में आसान और परिणामों को       दोहराया जा सकता है और विश्वसनीयता भी अच्छी होती है।
दोष  - अनुत्तरित प्रश्न, प्रश्नों को समझने और व्याख्या में अंतर, भावनाओं को व्यक्त करने में मुश्किल, प्रतिक्रियाओं में उत्तरदाताओं का छिपा एजेंडा हो सकता है और अवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएँ।
3.    टेलिफोनिक सर्वेक्षण – टेलीफोन पर किसी व्यक्ति से प्रश्नों को पूछने और उनकी प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड करने की कार्यप्रणाली को टेलिफोनिक सर्वेक्षण के रूप में जाना जाता है।
गुण - पैसे, समय और श्रम के संदर्भ में किफायती, दुर से से डेटा एकत्र करना आसान होता है। विशिष्ट (Specific) लोगों से जानकारी इकट्ठा करना आसान होता है ।
दोष - लंबे प्रश्न पूछने में मुश्किल होती है, बार-बार प्रश्नों से व्यक्ति परेशान होकर लाइन काट सकता है कई बार व्यक्ति इसे गोपनीयता में घुसपैठ मानकर सही जवाब देने में हिचकिचा सकता है ।     
4.    ई-मेल सर्वेक्षण – यह डाक द्वारा सर्वेक्षण के समान है, केवल अंतर इतना है कि प्रश्नों का सेट इलेक्ट्रॉनिक मेल या वेब लिंक द्वारा भेजा जाता है।
गुण - पैसे, समय और श्रम के संदर्भ में किफायती, लंबी दूरी से आसानी और तेज़ी से डेटा एकत्र कर सकते हैं। विशिष्ट लोगों से जानकारी इकट्ठा करना आसान होता है। जिन व्यक्तियों का ई-मेल के माध्यम से सर्वेक्षण किया जाता है वे अपने सुविधा के अनुसार प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं।
दोष - यह विधी उन लोगों से डेटा एकत्र करने में सहायक होती है जिनके पास सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन होता है और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना जानते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों, जंगलों में रह रहे आदिवासी या पहाड़ी क्षेत्र आदि जहां कोई इंटरनेट का बुनियादी ढांचा नहीं है, से इस विधि के द्वारा डेटा एकत्र करना संभव नहीं होता है।
5.    ऑनलाइन (वेब ​​आधारित) सर्वेक्षण – लोगों से डेटा एकत्र करने के लिए आईसीटी उपकरणों का उपयोग। वेब-आधारित सर्वेक्षण, या ई-सर्वेक्षण, इंटरनेट के माध्यम से किए गए सर्वेक्षण (Maymone et al. 2018)। विभिन्न सॉफ्टवेयर, वेब आधारित प्लेटफॉर्म, एप्लिकेशन, ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिए उपलब्ध होते हैं जिन्हें सर्वेक्षण बिल्डर टूल के रूप में जाना जाता है। विशिष्ट वेबसाइटें हैं जो नियमित रूप से अपने ग्राहकों के लिए ऑनलाइन सर्वे करती हैं। डिजिटल क्रांति को देखते हुए ऑनलाइन सर्वे आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
गुण - पैसे, समय और श्रम के संदर्भ में किफायती, लंबी दूरी से आसानी और तेज़ी से डेटा एकत्र कर सकते हैं। विशिष्ट लोगों से जानकारी इकट्ठा करना आसान होता है। बस कुछ क्लिक के साथ फॉर्म भरना आसान होता है, परिणाम तत्काल मिल जाते हैं, प्रतिक्रियाओं में सुधार करना आसान होता है, कागज बचता है और लोग अपनी सुविधा के साथ जवाब दे सकते हैं।
दोष - यह विधी उन लोगों से डेटा एकत्र करने में सहायक होती है जिनके पास सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन होता है और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना जानते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों, जंगलों में रह रहे आदिवासी या पहाड़ी क्षेत्र आदि जहां कोई इंटरनेट का बुनियादी ढांचा नहीं है, से इस विधि के द्वारा डेटा एकत्र करना संभव नहीं होता है।
सर्वेक्षण अनुसंधान के उपयोग का दायरा
1.    सरकारी एजेंसियां ​​जैसे जनगणना, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन, आर्थिक सर्वेक्षण आदि।
2.    शैक्षणिक सर्वेक्षण जैसे स्कूल और कॉलेजों में नामांकन आदि।
3.    मनोविज्ञान और अन्य सामाजिक विज्ञानों द्वारा अनुसंधान के लिए सर्वेक्षण।
4. वनस्पति के प्रसार व जैव विविधता को जानने के लिए सर्वेक्षण।
5. विपणन (marketing) एजेंसियों द्वारा उत्पादों  की जरूरतों और मांगों को जानने के लिए सर्वेक्षण।
6.    एक परिदृश्य (landscape) की स्थलाकृति (topography) काअध्ययन करने के लिए सर्वेक्षण।
7.    प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए सर्वेक्षण।
8.    राजनीतिक पार्टियों द्वारा सर्वेक्षण, जैसे मतदाताओं के मिजाज का आकलन करने के लिए।
9. इंटरनेशनल संगठनों द्वारा सर्वेक्षण, जैसे अंतर सरकारी जलवायु परिवर्तन पैनल द्वारा
सर्वेक्षण (IPCC)।
10.   ग्राहकों या उपयोगकर्ताओं के संतुष्टि स्तर का प्रतिक्रिया पैटर्न आदि को मापने के लिए प्रतिक्रिया सर्वेक्षण।



संदर्भ:
1.    NCERT, XI Psychology Text book.
2.    Maymone, M. B. C., Venkatesh, S., Secemsky, E., Reddy, K., & Vashi, N. A. (2018). Research Techniques Made Simple: Web-Based Survey Research in Dermatology: Conduct and Applications. Journal of Investigative Dermatology, 138(7), 1456–1462. doi:10.1016/j.jid.2018.02.032.

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