Monday, December 23, 2019

थर्स्टन का बुद्धि सिद्धांत



संक्षिप्त परिचय
             लुईस लियोन थर्स्टन, (1887-1955), एक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक थे, जिन्होंने साइकोमेट्रिक्स, विज्ञान जो मानसिक कार्यों का आकलन करता है, के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और एक सांख्यिकीय तकनीक कारक विश्लेषण को बेहतर बनाया। उन्होंने थर्स्टन स्केल विकसित किया, जो अभिवृत्ति मापन का एक शानदार मनोवैज्ञानिक उपकरण है। वे पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर थे और थोड़े समय के लिए उन्होंने थॉमस अल्वा एडिसन के साथ भी काम किया । लेकिन बाद में मनोविज्ञान की और झुकाव हुआ तथा 1917 में मनोविज्ञान में ही पीएचडी प्राप्त की। उन्होंने उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय में एल एल थर्स्टन साइकोमेट्रिक  नामक प्रयोगशाला की स्थापना की। कारक विश्लेषण पर उनके काम के फलस्वरूप उन्होंने बुद्धि के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत का विकास किया जिसे उन्होंने 7 प्राथमिक मानसिक क्षमताएँ  (Seven Primary Mental Abilities) कहा। उन्होंने इस विचार को खारिज कर दिया कि किसी भी एक कारक का दूसरों की तुलना में अधिक सामान्य अनुप्रयोग होता है और प्राथमिक मानसिक क्षमता परीक्षण (1938) विकसित किया, जो मानव बुद्धि के घटकों को मापता है।

सिद्धांत
            उन्होंने प्राथमिक मानसिक क्षमताओं के सिद्धांत प्रस्तावित किया। यह सिद्धांत बताता है कि बुद्धि में सात प्राथमिक क्षमताएं होती हैं जो एक कार्यात्मक एकरूपता (Unity) के रूप में काम करती हैं। बुद्धि इन अपेक्षाकृत एक दूसरे से स्वतंत्र मानसिक क्षमताओं के संयुक्त प्रयासों का परिणाम होता है जो स्वयं अपने आप में एक प्रमुख प्राथमिक कारक होती हैं।
ये 7 प्राथमिक क्षमताएं निम्नलिखित हैं: -
(i)    वाचिक बोध (Verbal Comprehension) – शब्दों, अवधारणाओं, संप्रत्ययों और विचारों के अर्थ को समझने की क्षमता,  
(ii)    संख्यात्मक क्षमताएँ (Numerical Ability) – संख्यात्मक और अभिकलनात्मक कार्यों को तीव्र गति, कुशलता और सटीकता से करने की क्षमता,
(iii)    स्थानिक/ देशिक संबंध (Spatial Relations) – प्रतिरूपों तथा रचनाओं के प्रत्यक्षीकरण करने की क्षमता,           
(iv)    प्रात्यक्षिक गति (Perceptual Speed) – सभी पांच इंद्रियों का उपयोग करके वस्तु के सम्पूर्ण विवरण (details) के प्रत्यक्षीकरण करने की गति,
(v)     शब्द प्रवाह (Word Fluency) – किसी विचार या स्थिति का वर्णन करने के लिए धाराप्रवाह और लचीले शब्दों का उपयोग करने की क्षमता,
(vi)   स्मृति (Memory) – सूचनाओं सटीकता से याद रखने व प्रत्याह्वान करने में परिशुद्धता की क्षमता, और
(vii)    आगमनात्मक तर्कना (Inductive Reasoning) – दिए गए तथ्यों एवं नियमों से सामान्य नियमों को प्राप्त या व्युत्पन्न (Derive) करने की क्षमता। यह क्षमता उन गतिविधियों में पाई जाती है जहाँ किसी प्रश्न या श्रृंखला में निहित नियमों या विचारों की खोज करने की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
            यह सिद्धांत बताता है कि बुद्धि कोई एकात्मक (Unitary) संप्रत्यय नहीं है, बल्कि यह सात प्राथमिक मानसिक क्षमताओं का संयोजन (Combination) है जो अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग मात्रा में पाई जाते हैं। ये क्षमताएं उनके अपने-अपने विशिष्ट कार्य करने में निपुण एवं विशेषज्ञताप्राप्त (Specialized) हैं तथा एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। आवश्यकता पड़ने पर सभी क्षमताएं एक एकीकृत समूह के रूप में कार्य करने के लिए एक साथ आ जाती है और एक एकीकृत समाधान प्रस्तुत करती हैं। इस सिद्धांत ने बुद्धि के कई समकालीन सिद्धांतों के विकास के लिए आधार प्रदान किया।

सन्दर्भ:
1.         NCERT. (2013). XII, Book
2.         https://www.britannica.com/biography/L-L-Thurstone.


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