Thursday, June 24, 2021

दबाव का अर्थ

यह दबाव नहीं है जो हमें मारता है, उसके प्रति की गई प्रतिक्रिया मारती है "

- हंस सेली

दबाव का अर्थ एवं परिचय


             भगवत गीता के श्लोक 2.62 और 63 में श्री कृष्ण कहते हैं किइन्द्रियाविषयों का चिन्तन करते हुए मनुष्य की उनमें आसक्ति उत्पन्न हो जाती है और ऐसी आसक्ति से काम उत्पन्न होता है और फिर काम से क्रोध प्रकट होता है, क्रोध से पूर्ण मोह उत्पन्न होता है और मोह से स्मरणशक्ति का विभ्रम हो जाता है। जब स्मरणशक्ति भ्रमित हो जाती है, तो बुद्धि नष्ट हो जाती है और बुद्धि नष्ट होने पर मनुष्य मनुष्य का पतन हो जाता है।

दबाव का अर्थ एवं परिचय

          दबाव एक प्रकार का मानसिक तनाव होता है। दबाव जैविक शब्द होता है जो मानव या जीव की भावनात्मक      या शारीरिक खतरों, चाहे वे वास्तविक हों या काल्पनिक,   के प्रति उचित प्रतिक्रिया देने में विफलता के परिणामों को अभिव्यक्त करता है। यह वातावरणीय उद्दीपकों के प्रति एक स्वायत्त प्रतिक्रिया होती है...यह एक प्रकार की भय-संकेत (अलार्म) और एड्रेनालाईन उत्पादन, अल्पकालिक प्रतिरोध के रूप में सामना करने की क्षमता और शून्यीकरण (Exhaustion) की स्थिति होती है।

            “यह उन घटनाओं के प्रति प्रतिक्रिया होती है जो व्यक्ति के शारीरिक या मनोवैज्ञानिक कार्य को बाधित करने या बाधित करने की सम्भावना को बढ़ा देती है (Lazarus & Folkman, 1984) सेली ने कहा है कि जरूरी नहीं है कि हर दबाव बुरा हो, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे लेते हैं। सफलता पूर्वक किए गए रचनात्मक कार्य से उत्पन्न दबाव फायदेमंद होता है जबकि, असफलता, अपमान या संक्रमण से उत्पन्न दबाव हानिकारक होता है।

          दबाव जीवन को रोचक बनाने का काम करता है। सामान्य दबाव के लक्षणों में चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में तनाव, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता और तथा विविध प्रकार के शारीरिक लक्षण जैसे सिर दर्द और बढ़ी हुई हृदय गति शारीरिक ऊर्जा का ह्रास एवं नींद आना इत्यादि।

दबाव  की परिभाषा

          दबाव शब्द का प्रयोग उन भौतिक, संवेगात्मक, संज्ञानात्मक और व्यवहारिक घटनाओं के प्रति की  गई प्रतिक्रियाओं का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन घटनाओं को चुनौतीपूर्ण या खतरों से परिपूर्ण समझा जाता है (Ciccarelli & Meyer, 2016) एपीएस के अनुसार "दबाव ऐसा असहज संवेगात्मक अनुभव होता हैजिसके साथ पूर्वानुमानित जैव रासायनिक, शारीरिक और व्यवहार में परिवर्तन उत्पन्न होने लगते हैं



दबाव के कुछ लक्षण

1.         भय और रोना,

2.         नींद की समस्या,

3.         थकान और सीने में दर्द,

4.         क्रोध और हताशा,

5.         दुश्चिंता और अवसाद

6.         भय और चिड़चिड़ाहट

7.         असामान्य गति से चलना,

8.         शराब पीना और धूम्रपान,

9.         बहुत ज्यादा या बहुत कम खाना,

10.       फेंकना, वस्तुओं को तोडना, और

11.       लगातार ज़ुकाम और जी मिचलाना।

दबाव के दुष्प्रभाव

1.         मोटापा

2.         स्मृति में समस्या,

3.         एकाग्रता में समस्या,

4.         निर्णय लेने में समस्या,

5.         कार्य निष्पादन में कमी,

6.         अनिद्रा, मांसपेशियों में दर्द,

7.         उच्च रक्तचाप और हृदय रोग,

8.         कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, और

9.         हास्य-परिहास के भाव में कमी।

दबाव के प्रकार

1.         युस्ट्रेस - लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को  बढ़ावा देने के लिए आवश्यक दबाव की इष्टतम मात्रा।  इस प्रकार का दबाव सकारात्मक घटनाओं के फलस्वरूप उत्पन्न होता है जो व्यक्ति के अनुकूलन या समायोजन के लिए आवश्यक होता है उदाहरण के लिए शादी, नौकरी चयन, पदोन्नति, बच्चे का जन्म आदि।

2.         डिस्ट्रेस - वह दबाव जो अवांछनीय एवं अप्रिय घटनाओं जैसे दुर्घटना वार्षिक परीक्षा का  खराब परिणाम आदि के फलस्वरूप उत्पन्न हो को डिस्ट्रेस कहा जाता है।

 

दबाव के स्रोत

1.         प्रेशरएक प्रकार का मनोवैज्ञानिक अनुभव जो किसी व्यक्ति के व्यवहार की जरूरतों के कारण उत्पन्न होता है तथा जो एक बाहरी स्रोत से आता हो।

2.         अनियंत्रितता किसी व्यक्ति की किसी घटना या स्थिति पर नियंत्रण की मात्रा। नियंत्रण जितना कम होगा दबाव उतना ही अधिक होगा और इसके विपरीत।

3.         कुंठा  – ऐसा मनोवैज्ञानिक अनुभव जो किसी वांछित लक्ष्य को अवरुद्ध करने या पिछले लक्ष्य को पाने से रोकने के कारण उत्पन्न होता हो।

4.         आक्रामकता ऐसी कार्यवाही या क्रिया जो किसी का नुकसान करने, चोट पहुंचाने या नष्ट करने के इरादे से की गई हो।

सामान्य अनुकूलन सिंड्रोम (GAS)


आइए देखें हमने क्या सीखा

Multiple Choice Questions

 

Q 1.     निम्नलिखित में से किन किन प्रकार के खतरों से दबाव उत्पन्न हो सकता है?

A         काल्पनिक                                B         वास्तविक         

C         संवेगात्मक                                D         उपर्युक्त सभी

Q 2.     दबाव निम्नलिखित में से किस प्रकार का व्यवहार होता है?

A         प्रतिक्रियात्मक               B         प्राकृतिक

C         संवेगात्मक                                D         यथार्थवादी

Q 3.     निम्नलिखित में से कौन सा लक्षण दबाव का नहीं है?

A         लगातार ज़ुकाम रहना                B         अत्यधिक नींद आना

C         हृदय गति का बढ़ना                  D         सिर दर्द रहना

Q 4.     निम्नलिखित में से शरीर पर पड़ने वाला कौन सा दबाव का दुष्प्रभाव होता है ?

A         बहुत ज्यादा या बहुत कम खाना

B         शराब पीना और धूम्रपान

C         क्रोध और हताशा                      

D         कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

Q 5.     हरियाणा के किसी व्यक्ति का चयन तमिलनाडु के विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में हुआ है। इस घटना से उत्पन्न दबाव को निम्नलिखित में से किस श्रेणी में रखा जा सकता है?

A         डिस्ट्रेस                                     B         तीव्रस्ट्रेस

C         क्रॉनिक स्ट्रेस                             D         युस्ट्रेस

 

Short Questions

 

Q 1.     दबाव को परिभाषित कीजिए।

Q 2.     सेली ने कहा है किजरूरी नहीं है कि हर दबाव बुरा हो, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे लेते हैं इस वाक्य की विवेचना कीजिए।   

Q 3      क्या कोई दबाव फायदेमंद हो सकता है उदाहरण सहित समझाइए?

Q 4.     दबाव के संबंध में भगवत गीता के श्लोक 2.62 और 2.63 की विवेचना कीजिये

Q 5.     दबाव कितने प्रकार का होता है संक्षेप में व्याख्या कीजिए?

 

संदर्भ:

1.         Ciccarellin, S. K & Meyer, G. E. (2016). Psychology. Chennai: Person.

2.         https://www.apa.org/helpcenter/understanding-chronic-stress.

3.         http://www.gostress.com/stress-definitions/.

4.         https://www.statista.com/chart/5317/lifes-most-stressful-events-in-one--chart/

 

 

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