Thursday, June 24, 2021

स्वास्थ्य मनोविज्ञान का अर्थ और उद्देश्य


स्वास्थ्य
मनोविज्ञान की परिभाषा

          जोसेफ माताराज़ो (1980) के अनुसार, “स्वास्थ्य मनोविज्ञान वह विशिष्ट शैक्षिक, वैज्ञानिक और व्यावसायिक क्षेत्र में योगदान का समुच्चय होता हो जो स्वास्थ्य के संवर्धन और रखरखाव, बीमारी की रोकथाम और उपचार, नैदानिक सहसंबंधों की पहचान तथा बीमारी एवं संबंधित रोग, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और स्वास्थ्य नीति निर्धारण के विश्लेषण में योगदान  देता है स्वास्थ्य मनोविज्ञान की यह एक व्यापक परिभाषा है जो आमतौर पर हर स्वास्थ्य मनोवैज्ञानिक द्वारा स्वीकार की गई।

 

अर्थ

          स्वास्थ्य मनोविज्ञान 1978 में अध्ययन का एक स्वतंत्र क्षेत्र बना था। यह शाखा बीमारी के विकास, रोकथाम और उपचार में मनोवैज्ञानिक कारकों की भूमिका पर केंद्रित होती है।

            यह स्वास्थ्य और बीमारी में मनोवैज्ञानिक और व्यवहार प्रक्रियाओं का अध्ययन करती है और यह समझने की कोशिश करती है कि शारीरिक स्वास्थ्य में मनोवैज्ञानिक, व्यवहारिक और सांस्कृतिक कारक कैसे योगदान करते हैं। इसके दायरे में दबाव और दबाव से सामना करने का अध्ययन, मनोवैज्ञानिक कारकों और स्वास्थ्य के बीच संबंध, रोगी-चिकित्सक-संबंध और स्वास्थ्य संतुलन को बढ़ावा देने के तरीके आदि शामिल होते है।

            स्वास्थ्य मनोविज्ञान का प्रमुख ध्यान मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों और सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य से शारीरिक बीमारी को समझने का रहा है। यह एक अंतःविषय क्षेत्र है जो व्यवहारिक मनोविज्ञान के दायरे में आता है।

स्वास्थ्य मनोविज्ञान स्वास्थ्य को समझने के लिए जैव- मनोवैज्ञानिक-सामाजिक दृष्टिकोण का सहारा लेता है।  यह शाखा मानती है कि स्वास्थ्य, जैविक प्रक्रियाओं (जैसे, वायरस, ट्यूमर, आदि) का ही परिणाम नहीं होता है बल्कि मनोवैज्ञानिक (जैसे, विचार और विश्वास), व्यवहार (जैसे, आदतें), और सामाजिक प्रक्रियाओं (जैसे, सामाजिक-आर्थिक-स्थिति और जातीयता) का भी परिणाम होता है (Ogden, 2012)

            कार्लसन एवं साथियों के अनुसार "स्वास्थ्य मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की वह शाखा होती है जो स्वास्थ्य और बीमारी की समझ के लिए मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग करती है"

 

उद्देश्य

             स्वास्थ्य मनोविज्ञान स्वास्थ्य और बीमारी के कारणों, बिमारी का बढ़ना, और उसके परिणामों में मनोवैज्ञानिक कारकों की भूमिका पर बल  देता है (ओग्डेन, 2004)

1.         बीमारी के प्रगमन (Progression) में व्यवहार की भूमिका का मूल्यांकन (हृदय रोग धूम्रपान, भोजन, व्यायाम की कमी जैसे व्यवहार से संबंधित होता है। कई प्रकार के कैंसर आहार, धूम्रपान, शराब

जैसे व्यवहार से संबंधित होते हैं)

2.         अस्वास्थ्यकर व्यवहार की भविष्यवाणी करना (धूम्रपान, शराब का सेवन और उच्च वसा वाले आहार व्यक्ति की मान्यताओं से संबंधित होते हैं। स्वास्थ्य और बीमारी के बारे में मान्यता व्यवहार का अनुमान लगाने में सहायक होती हैं)

 

3.         मनोविज्ञान और शरीर-विज्ञान के बीच अंतक्रिया का मूल्यांकन (दबाव का बोधदबाव से सामना करने और सामाजिक सहयोग से संबंधित होता है। दबाव शारीरिक परिवर्तनों का कारण बनता है जो बाद में बीमारी को शुरू करने या बढ़ाने का काम करता है। दर्द का अनुभव दुश्चिंता से गहरा सकता है और विकर्षण (Distraction) से कम हो सकता है )

4.         बीमारी के बोध में मनोविज्ञान की भूमिका को समझना (बीमारी के मनोवैज्ञानिक परिणामों को समझना जो दर्द, मितली, दुश्चिंता, उल्टी और अवसाद जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है)

5.         रोग के उपचार में मनोविज्ञान की भूमिका का मूल्यांकन (यदि रोग उत्पन्न होने में मनोवैज्ञानिक कारक महत्वपूर्ण हैं, तो इसके उपचार में भी उनकी भूमिका हो सकती है। व्यवहार में परिवर्तन और दबाव को कम करने से की बदतर होने की संभावना को कम किया जा सकता है )

6.         स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देना (रोग में व्यवहार और मान्यताओं की भूमिका को समझना ये अस्वस्थ व्यवहार और सम्बंधित मान्यताओं को कम करने में मदद करता है)

7.         रोग को होने से रोकना (मान्यता और व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन रोग को शुरु होने से रोक सकते हैं)

उद्देश्यों का सारांश

1. बीमारी से बचाव।

2. रोगी-चिकित्सक संबंध में सुधार।

3. चिकित्सा सलाह के लिए सकारात्मक सोच।

4. मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य से स्वास्थ्य नीतियों का विश्लेषण।

5. स्वास्थ्य और बीमारी पर नई जानकारी के लिए अनुसंधान।

6. दर्द प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपचार कार्यक्रमों का विकास।

7. स्वास्थ्य और बीमारी में व्यवहार सम्बन्धी कारकों को समझाना।

8. जीवन शैली और स्वास्थ्य के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना।

 

आओ जाने हमने क्या सीखा

बहुविकल्पीय प्रश्न

Q 1.     स्वास्थ्य मनोविज्ञान निम्नलिखित में से किस विषय पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं करता है?

A         बीमारी का विकास                     B         बीमारी का आधार

C         बीमारी की रोकथाम                   D         बीमारी का उपचार

Q 2.     निम्नलिखित में से कौन-कौन से तरीके स्वास्थ्य मनोविज्ञान के दायरे से बाहर होते हैं?

A         दबाव से सामना करने का अध्ययन

B         रोगी-चिकित्सक-संबंध

C         मनोवैज्ञानिक कारकों और स्वास्थ्य के बीच संबंध             

D         इनमे से कोई नहीं

Q 3.     निम्नलिखित में से स्वास्थ्य मनोविज्ञान की कौन सी शाखा जनसंख्या उन्मुख होती है?

A         नैदानिक (Clinical) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

B         सार्वजनिक (Public) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

C         सामुदायिक (Community) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

D         समालोचनात्मक (Critical) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

Q 4.     “हमारी मान्यताएं हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालती हैं” बताइए यह वाक्य उचित है या अनुचित?

A         उचित  

B         अनुचित

Q 5.     स्वास्थ्य मनोविज्ञान का कौन-सा उपक्षेत्र स्वास्थ्य के सार्वभौमिक अधिकार और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देने की वकालत करता है?

A         नैदानिक (Clinical) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

B         सार्वजनिक (Public) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

C         सामुदायिक (Community) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

D         समालोचनात्मक (Critical) स्वास्थ्य मनोविज्ञान

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

Q 1.     स्वास्थ्य मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए?

Q 2.     शारीरिक रोग में कौन-कौन से कारक योगदान देते हैं संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।   

Q 3      स्वास्थ्य मनोविज्ञान के चारों उपक्षेत्रों के नाम लिखिए।

Q 4.     स्वास्थ्य मनोविज्ञान के उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।

Q 5.     समालोचनात्मक (Critical) स्वास्थ्य मनोविज्ञान को संक्षिप्त में समझाइए?

 

References:

1.         Ogden, J. (2012). Health Psychology: A Textbook (5th ed.). Maidenhead, UK: Open University Press.

2.         https://en.wikipedia.org/wiki/Health_psychology#cite_note-Ogden,_J._2012-2.

 

 

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