परिचय
जिस दिन से विल्हेल्म वुंट ने 1879 में पहली मनोविज्ञान प्रयोगशाला
स्थापित की थी तब से आज तक मनोविज्ञान एक लंबा सफर तय कर चुका है। इसकी शुरुआत कार्यात्मकवाद,
मनोविश्लेषणवाद, संरचनावाद, व्यवहारवाद, मानवतावाद आदि मतों के विकास के साथ हुई और
इस दौरान विभिन्न मनोचिकित्सा प्रणालियों का भी विकास किया गया। मानव ने अपने जीवन
के लगभग हर पहलू में मनोविज्ञान की महत्ता को समझ लिया है। इस तरह मनोविज्ञान के सिद्धांत
विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, नैदानिक, शिक्षा, खेल, राजनीति, अर्थशास्त्र, उद्योग
और संगठनों, परामर्श, फोरेंसिक आदि में उपयोग किए जाने लगे हैं।
1. संज्ञानात्मक मनोविज्ञान – यह क्षेत्र उन मानसिक प्रक्रियाओं
से संबंधित होता है जो पर्यावरण से प्राप्त सूचनाओं को अजि॔त, भंडारण, हेरफेर, और परिवर्तन
करने के साथ-साथ उनका प्रयोग एवं उनको प्रेषित करता है। कुछ प्रमुख संज्ञानात्मक प्रक्रियाएं
जैसे अवधान, प्रत्यक्षण, स्मृति, तर्क, समस्या समाधान, निर्णय लेने की प्रक्रिया और
भाषा इत्यादि।
2. जैविक मनोविज्ञान – मनोविज्ञान की यह शाखा
व्यवहार और शारीरिक प्रणाली के बीच के संबंध पर केंद्रित होती है, जिसमें मस्तिष्क
और तंत्रिका तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली और आनुवांशिकी शामिल होते हैं। जैविक मनोवैज्ञानिक
अक्सर न्यूरोसाइंटिस्ट, जूलॉजिस्ट और एंथ्रोपोलॉजिस्ट के साथ मिलकर अनुसन्धान करते
हैं।
3. तंत्रिका मनोविज्ञान – यह क्षेत्र व्यवहार तथा
संबंधित मानसिक कार्यों में न्यूरोट्रांसमीटर या रासायनिक पदार्थों की भूमिका का अध्ययन
करता है जो मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में तंत्रिका संचार के लिए जिम्मेदार होते
हैं।
4. अन्तःसंस्कृति और सांस्कृतिक मनोविज्ञान – यह क्षेत्र मानव व्यवहार,
विचार और भावना को समझने में संस्कृति की भूमिका का अध्ययन करता है। इसका मत है कि
मानव व्यवहार न केवल मानव-जैविक क्षमता
का प्रतिबिंब है, बल्कि संस्कृति का एक उत्पाद भी है।
5. पर्यावरण मनोविज्ञान – यह क्षेत्र मानव व्यवहार
पर तापमान, आर्द्रता, प्रदूषण और प्राकृतिक आपदाओं जैसे भौतिक कारकों की अंतःक्रिया
का अध्ययन करता है। स्वास्थ्य पर कार्यस्थल की शारीरिक व्यवस्था के प्रभाव, संवेगात्मक
स्थिति और पारस्परिक संबंधों का भी अध्ययन किया जाता है।
6. विकासात्मक मनोविज्ञान – यह क्षेत्र विभिन्न आयु
और अवस्थाओं में होने वाले शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन जो गर्भाधान
से लेकर बुढ़ापे तक होते है का अध्ययन करता है। विकासात्मक मनोवैज्ञानिक यह जानने की
कोशिश करते हैं कि हम व्यवहारिक रूप से ऐसे क्यों हैं।
7. सामाजिक मनोविज्ञान – यह क्षेत्र ये पता लगाता
है कि लोग अपने सामाजिक वातावरण से कैसे प्रभावित होते हैं, लोग दूसरों के बारे में
क्या और क्यों सोचते हैं और उनसे कैसे प्रभावित होते हैं। सामाजिक मनोवैज्ञानिक अभिवृत्ति,
अनुरूपता और आज्ञाकारिता, पारस्परिक आकर्षण, पूर्वाग्रह, आक्रामकता, सामाजिक प्रेरणा,
अंतर-समूह संबंध आदि विषयों के अध्ययन में रुचि रखते हैं।
8. स्वास्थ्य मनोविज्ञान – यह क्षेत्र शारीरिक बीमारी
के विकास, रोकथाम और उपचार में मनोवैज्ञानिक कारकों (उदाहरण के लिए, तनाव, दुश्चिंता)
की भूमिका के अध्ययन पर केंद्रित होता है।
9. नैदानिक और परामर्श मनोविज्ञान – यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार
के मनोवैज्ञानिक विकारों के कारणों, उपचार और रोकथाम से संबंधित होता है जैसे कि दुश्चिंता,
अवसाद, भोजन सम्बन्धी विकार इत्यादि। इसी से संबंधित एक दूसरा क्षेत्र ‘परामर्श’ होता
है, जिसका उद्देश्य लोगों के दैनिक जीवन में समस्याओं को हल करने और चुनौतीपूर्ण स्थितियों
के साथ अधिक प्रभावी ढंग से सामना करने में मदद करके रोजमर्रा के कामकाज में सुधार
करना होता है।
10. औद्योगिक / संगठनात्मक मनोविज्ञान – यह क्षेत्र कार्यस्थल पर
होने वाले व्यवहार से संबंधित होता है जो श्रमिकों और उन्हें रोजगार देने वाले संगठनों
पर केंद्रित होता है। औद्योगिक/संगठनात्मक मनोवैज्ञानिक कर्मचारियों के आपसी संबंधों,
उनके काम की स्थिति में सुधार, और कर्मचारियों के चयन के लिए मानदंड विकसित करते हैं।
11. शैक्षिक मनोविज्ञान – यह क्षेत्र इन विषयों का
अध्ययन करता है कि सभी उम्र के लोग किस प्रकार सीखते हैं। शैक्षिक मनोवैज्ञानिक मुख्य
रूप से शिक्षण और कार्य स्थल पर लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले
निर्देशात्मक तरीकों और सामग्रियों को विकसित करने में मदद करते हैं। वे शिक्षा, परामर्श
और सीखने सम्बन्धी समस्याओं के अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
12. खेल मनोविज्ञान – यह क्षेत्र खिलाड़ियों की प्रेरणा
को बढ़ाकर और उनको मानसिक रूप से स्वस्थ बनाकर उनके खेल प्रदर्शन को बेहतर बनाने के
लिए मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग करते हैं। खेल मनोविज्ञान अपेक्षाकृत एक नया
क्षेत्र है, लेकिन दुनिया भर में इसका व्यापक प्रयोग हो रहा है।
13. मनोविज्ञान की अन्य उभरती शाखाएँ – मनोविज्ञान के अनुसंधान
और अनुप्रयोग पर अंतःविषय ध्यान केंद्रित करने के लिए विमानन मनोविज्ञान, अंतरिक्ष
मनोविज्ञान, सैन्य मनोविज्ञान, फोरेंसिक मनोविज्ञान, ग्रामीण मनोविज्ञान, इंजीनियरिंग
मनोविज्ञान, प्रबंधकीय मनोविज्ञान, सामुदायिक मनोविज्ञान, राजनीतिक मनोविज्ञान जैसे
विभिन्न क्षेत्रों का उदय हुआ है।
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