Saturday, June 4, 2022

फोरेंसिक मनःशास्त्र: एक परिचय भाग – 1

फोरेंसिक का प्रयोजन  


"एक अपराधी हमेशा अपने अपराध के दृश्य से अपने साथ कुछ संकेत ले जाता है और अपनी उपस्थिति के भी कुछ संकेत पीछे छोड़ जाता है " (लेन, 1992)।

फोरेंसिक मनःशास्त्र: का प्राथमिक उद्देश्य आम जनता का कानून और न्यायिक प्रणाली में  विश्वास को पुनर्स्थापित करना होता है।

फोरेंसिक मनःशास्त्र: का  अर्थ 

'फोरेंसिक' शब्द लैटिन भाषा के  'फोरेंसिस' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है 'फोरम' जो प्राचीन रोम के मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है जहां शहर की कानून अदालतें आयोजित की जाती थीं। अंग्रेजी का फोरम शब्द भी इसी आधार पर निर्मित किया गया है जिसका अर्थ होता है 'बाजार की जगह' या 'सार्वजनिक'।

अर्थ   कानूनी कार्यवाही के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का अनुप्रयोग।

मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से - कानूनी प्रक्रिया के समक्ष उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए मनःशास्त्रीय

सिद्धांतों, अनुसंधान से प्राप्त परिणामों एवं विधियों का अनुप्रयोग।

फोरेंसिक मनःशास्त्र की परिभाषा

मनःशास्त्र  की वह शाखा जो आपराधिकता, अपराधियों, उनके व्यवहार और संबंधित मस्तिष्क क्रियाओं के अध्ययन से संबंधित होती है और कानूनी प्रणाली, न्यायशास्त्र और जेल प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करती है। कानूनी निर्णय को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मनःशास्त्रीय जानकारी उपलब्ध कराना (ब्लैकबर्न 1996)।

आपराधिक जाँच के लिए, आपराधिक व्यवहार से जुड़ी समस्याओं और अपराध करने वालों (बी पी एस) के इलाज  के लिए मनःशास्त्रीय सिद्धांतों के अनुप्रयोग को फॉरेंसिक मनःशास्त्र कहा जाता है।

फोरेंसिक मनःशास्त्र के उपक्षेत्र

(i)       वयस्क फोरेंसिक

(ii)      किशोर फोरेंसिक

(iii)      आदतन अपराधी फोरेंसिक

(iv)      महिला फोरेंसिक

(v)      फोरेंसिक विकासात्मक मनःशास्त्र

(vi)      फोरेंसिक संज्ञानात्मक मनःशास्त्र

दायरा

फोरेंसिक मनोविज्ञान स्वयं को अपराध और न्यायशास्त्र तक ही सीमित रखता है। अगर हम थोड़ा और गहराई से देखें तो यह मनःशास्त्रीय और शारीरिक हिंसा के बारे में अध्ययन का शास्त्र होता है। यह अपराधियों, वकीलों, एवं जजों से सम्बंधित होता है तथा  कानूनी पेचीदगी द्वारा उत्पन्न मुश्किल और दुविधा पैदा करने वाले सवालों के जवाब ढूंढने में मदद करता है।  यह शाखा पीड़ितों पर अपराध के  प्रभाव, अपराध की पुनरावृत्ति की रोकथाम, सलाहकार की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने, का कार्य करती है।

फॉरेंसिक मनःशास्त्र उन परिस्थितियों की जांच (मनःशास्त्रीय और स्थितिजन्य) करता है जिसके तहत अपराध किया गया है और सबूतों को प्रकृति  का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रवर्तन एजेंसियों की हिरासत के दौरान अपराधियों द्वारा दिए गए इकबालिया बयानों की जांच करना भी इसी शाखा के अधीन होता है। यह मनःशास्त्र के परिप्रेक्ष्य से अपराध के व्यापक निहितार्थ जैसे समाज के मानस-पटल, पीड़ित एवं पीड़ित परिवार पर अपराध के  प्रभाव को समझने में मदद करता है।

सजा तय करने  और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। गवाह की गवाही की विश्वसनीयता का आकलन जो फॉरेंसिक मनःशास्त्र के द्वारा किया जाता है। कानूनी प्रक्रिया में अपनी एक अहमियत रखता है। न्यायिक और कानूनी प्रणाली को सलाह देने के अलावा, फोरेंसिक मनःशास्त्र सुधरग्रहों में भी अपनी भूमिका निभाता है।

 

संदर्भ:

Canter, D. (2010). Forensic Psychology: A Very Short Introduction-          Oxford University Press.

Lane, B. (1992). The Encyclopedia of Forensic Science. Headline Book Publishing.

Sandie Taylor, S. (2015). Forensic Psychology: The Basics. Routledge.

Solomon M. F., & Wrightsman, L. S. (2008). Forensic Psychology (3rd Ed). Wadsworth Publishing

 

 

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