परिभाषा
सहसंबंध गुणांक एक ऐसी एकल संख्या होती है जो हमें बताती है कि दो घटनाएं किस हद तक संबंधित हैं तथा किस हद तक एक में होने वाला परिवर्तन दूसरे पर असर डालता है। सहसंबंध
गुणांक
दो चरों का ऐसा अनुपात होता है जो उस सीमा को व्यक्त
करता
है जिसमें एक चर में परिवर्तन दूसरे में परिवर्तन पर निर्भर या दूसरे
के
परिवर्तन से सम्बंधित होता है।
परिचय
दो चरों या परिघटनाओं के बीच संबंध या संबद्ध। साधारण सहसंबंध का अर्थ होता है दो चरों के बीच रैखिक सहसंबंध। यह बताता है कि कैसे एक घटना दूसरी के साथ परिवर्तित होती है। यह ऐसी एकल संख्या होती जो चरों के बीच संबंध की एक तस्वीर प्रस्तुत करती है। यह संख्या चरों के मध्य एक प्रकार की अन्योन्याश्रयता दर्शाती है। सहसंबंध
दो
चरों के बीच के डेटा के माध्यम से सर्वोत्तम संभावित रेखा खींचने का प्रयास करता है और
पियर्सन
सहसंबंध गुणांक,
r, का मूल्य यह दर्शाता है की डेटा की सभी संख्याएं इस सर्वोत्तम फिट रेखा से कितनी दूर हैं। इसे द्विचर सहसंबंध के रूप में भी जाना जाता है।
सहसंबंध के सबसे सामान्य प्रकार
(i) पियर्सन उत्पाद-घूर्णन विधि
(r)
(ii) स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि
(ρ)
(i) पियर्सन उत्पाद-घूर्णन विधि
(r) - पियर्सन का सहसंबंध गुणांक
(r) दो चरों का सहप्रसरण
(Covariance - सहप्रसरण को अपेक्षित मान या माध्य के रूप में परिभाषित किया जाता है जो किसी डेटा के माध्य या अपेक्षित मूल्य से
हर
स्कोर के विचलन का उत्पाद होता है।)
होता है जो उनके मानक विचलन के गुणनफल से विभाजित होता है। इसे उत्पाद-घूर्णन विधि के रूप में भी जाना जाता है और सामान्य वितरण
(पैरामीट्रिक सांख्यिकी)
की मान्यताओं को पूरा करने वाले डेटा के लिए उपयोग किया जाता है।
सहसंबंध के गुणांक की गणना
पियर्सन के सहसंबंध गुणांक (r) का उपयोग X और Y चरों के बीच संबंधों की ताकत और दिशा निर्धारित करने के लिए किया जाता है। इस गुणांक का प्रयोग तभी किया जाता है जब चर को अंतराल स्तर पर मापा गया हो।
(ii) स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि (ρ) स्पीयरमैन कोटि अंतर सहसंबंध गैर-पैरामीट्रिक सांख्यिकीय परीक्षण होता है जिसका उपयोग वहां किया जाता है जहां डेटा क्रमिक रूप में मापकर इकठ्ठा किया गया हो और सामान्य वितरण की मान्यताओं पर खरा नहीं उतरता हो।
सहसंबंध की मुख्य विशेषताएं
(i) यह वैज्ञानिक भविष्यवाणी करने का एक महत्वपूर्ण साधन होता है।
(ii) यह कारण संबंधों की व्याख्या करता है।
(iii) इसका मान
-1 से
1 तक ही सिमित रहता है।
(iv) सहसंबंध
[गुणांक]
एक दिशात्मक
(सकारात्मक या नकारात्मक)
सूचकांक होता है।
(v) यह रैखिक या घुमावदार भी हो सकता है।
कुछ परंपराएं
1. सहसंबंध गुणांक का प्रयोग करने के लिए आंकड़ों की संख्या
25 से कम नहीं होनी चाहिए।
2. सहसंबंध गुणांक का व्यापक और अस्थायी वर्गीकरण।
r
का मान |
व्याख्या |
.00 to ± .20 |
नगण्य सहसंबंध |
±
.20 to ± .40 |
निम्न सहसंबंध |
± .40 to ± .70 |
पर्याप्त सहसंबंध |
±
.70 to ± 1.00 |
उच्च सहसंबंध |
सहसंबंध की अभिव्यक्ति
सहसंबंध गुणांक के संबंध में निर्णय लेने का संदर्भ
(i) चयनित चरों की प्रकृति।
(ii) गुणांक का महत्व।
(iii) समूह की परिवर्तनशीलता।
(iv) प्रयुक्त परीक्षणों की विश्वसनीयता गुणांक।
(v) जिस उद्देश्य के लिए सहसंबंध गुणांक की गणना की जाती है।
संदर्भ:
https://stattrek.com/probability-distributions/poisson.aspx.
https://www.itl.nist.gov/div898/handbook/eda/section3/eda366j.htm
https://brilliant.org/wiki/poisson-distribution/
https://www.statisticshowto.com/poisson-distribution/
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