व्यावहारिक मनोविज्ञान का अर्थ
दैनिक जीवन में मनोवैज्ञानिक
सिद्धांतों और नियमों का अनुप्रयोग।
अनुप्रयुक्त या व्यावहारिक मनोविज्ञान वह क्षेत्र है जो मनोविज्ञान
के सिद्धांतों पर केंद्रित होता है एवं उनका अध्ययन करता है। व्यावहारिक मनोविज्ञान
अमूर्त सिद्धांतों और प्रयोगशाला आधारित प्रयोगों का वास्तविक दुनिया के परिणामों के
परिप्रेक्ष्य में अध्ययन करता है। यह शास्त्र मूर्त परिणामों को प्राप्त करने के लिए
मनोविज्ञान के सिद्धांतों की पुष्टि करने का प्रयास करता है। मौलिक मनोविज्ञान ज्ञान
और प्रयोग के विस्तार के लिए गहरे एवं सूक्ष्म ज्ञान की तलाश करता है जबकि व्यावहारिक
मनोविज्ञान अर्जित ज्ञान को वास्तविक जीवन में उपयोग पर केंद्रित होता है।
परिभाषा
हेनरी इलियट के अनुसार “यह मनोविज्ञान की ऐसी शाखा है जिसमें शुद्ध
और विशेषकर प्रायोगिक मनोविज्ञान की विधियों एवं परिणामों को व्यहारिक समस्याओं और
व्यवहारिक जीवन पर प्रयोग करने का प्रयास किया जाता है”
उद्देश्य
व्यावहारिक मनोविज्ञान मानव के व्यावहारिक पक्ष से संबंधित होता
है जिसमे असल जीवन की व्यावहारिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। इसके साथ-साथ यह
मानव आचरण में वांछनीय परिवर्तन लाने में सहायक होता है। और व्यवहार से सम्बंधित समस्याओं
का समाधान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यावहारिक मनोविज्ञान का उद्देश्य
व्यक्ति की विभिन गतिविधियों का वर्णन, भविष्यवाणी तथा नियंत्रण करना होता है। जिसके
फलस्वरूप व्यक्ति अपने जीवन को बुद्धिमता पूर्ण ढंग से समझ सके और अपने आस-पास के वातावरण
(मनोवैज्ञानिक, सामाजिक एवं प्राकृतिक) के साथ सफलतापूर्वक अंतःक्रिया कर सके।
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