परिचय
संगठनात्मक मनोविज्ञान संगठनात्मक ढांचे के अंतर्गत मानव व्यवहार
का अध्ययन करता है। हर संगठन के कुछ-न-कुछ उद्देश्यों होते हैं। इसलिए, संगठनों में
कार्यरत हर व्यक्ति से संगठन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पूरी लगन से
काम करने की अपेक्षा की जाती है। किसी भी प्रकार के संगठन में मनुष्यों की उपस्थिति
मनोविज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर बल देती है। इस संदर्भ में ही संगठनात्मक मनोविज्ञान
अस्तित्व में आया जिसके कारण ही इसके सामान्य उद्देश्यों का निर्धारण किया।
मुख्य
उद्देश्य:
1. उत्पादकता में वृद्धि,
2. कर्मचारियों की संतुष्टि,
3. उपयुक्त व्यक्तियों का चयन,
4. नेतृत्व और आपसी टकराव का समाधान,
5. उचित टीम का विकास और प्रबंधन,
6. कर्मचारियों का मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य,
7. कार्य परिवेश की अनुकूल स्थिति का विकास,
8. संगठन में मानवतावादी दृष्टिकोण,
9. मनोवैज्ञानिक विशेषताओं का आकलन, एवं
10. कार्य का विश्लेषण और मूल्यांकन।
उद्देश्यों
का दायरा
1. टीम और सामूहिक कार्य,
2. नेतृत्व,
3. निर्णय लेने की प्रक्रिया,
4. प्रबंधन और श्रमिकों के बीच समन्वय,
5. कार्यस्थल का माहौल,
6. नौकरी से संतुष्टि और उसके प्रति रवैया,
7. पेशे से संबंधित नैतिकता,
8. कार्य प्रेरणा, और
9. नियुक्ति और चयन।
उद्देश्यों
का दायरा
1. टीम और सामूहिक कार्य: टीम के सदस्यों के उच्च संतुष्टि
स्तर को सुनिश्चित करने और संगठनात्मक लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए
लगभग एक जैसे स्वभाव वाले सदस्यों की उपयुक्त टीम का निर्माण करना और टीम में एकजुटता
बनाये रखना।
2. नेतृत्व: संगठन के नेता के लिए उन व्यक्तियों
का चुनाव करना जिनमे नेतृत्व संबंधी गुण हों ताकि संगठन को एक बेहतर नेतृत्व मिल सके।
3. निर्णय लेने की प्रक्रिया:
श्रेष्ठम निर्णय पर पहुंचने के लिए सभी संभव विकल्पों को खोजने में मदद करना।
4. प्रबंधन और श्रमिकों के बीच समन्वय: एक संगठन के सभी पक्षों
के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को बनाए रखने के लिए अनुकूल माहौल का निर्माण करना।
5. कार्यस्थल का वातावरण: कार्यस्थल के माहौल को बेहतर
बनाने के लिए उचित सूचना महत्वपूर्ण होती है जिसका सीधा असर संगठन की उत्पादन क्षमता
पर पड़ता है।
6. नौकरी से संतुष्टि और उसके प्रति रवैया: यह सुनिश्चित करता है की
कर्मचारी उच्च स्तर की संतुष्टि का अनुभव करे जो अनुकूल माहौल और संगठन के प्रति सकारात्मक
दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद करता है।
7. पेशे से संबंधित नैतिकता: यह प्रयास करता है कि कर्मचारी
संगठनात्मक दिशानिर्देशों की सीमा के भीतर रहते हुए पेशेवर नैतिकता का पालन करें। पेशेवर
नैतिकता संगठनात्मक सद्भावना (goodwill) के मापदंडों में से एक होती है।
8. कार्य प्रेरणा: यह सुनिश्चित करने के लिए कि कर्मचारी
अपने काम के प्रति प्रेरित रहें, प्रेरणा से संबंधित विभिन्न मनोवैज्ञानिक तकनीकों
का प्रयोग किया जाता है।
9. नियुक्ति और चयन: ओ पी कर्मचारियों कि नियुक्ति
संबंधित उपयुक्त दिशानिर्देश विकसित करने के साथ-साथ नियुक्ति प्रक्रिया में भी मदद
करता है।
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