1. वर्णनात्मक सांख्यिकी - सांख्यिकी की वह शाखा जो आंकड़ों के कुछ सांख्यिकीय मापदंडों [मीन, एसडी, एसई, वेरिएंस आदि] का सारांश निकालती है और वर्णन करती है।
2. अनुमानात्मक सांख्यिकी
– सांख्यिकी की वह शाखा जो आंकड़ों पर आधारित निष्कर्षनिकालने और अनुमान लगाने के लिए प्रयोग की जाती है।
1. विश्लेषण के माध्यम से सांख्यिकी,
डेटा को अर्थ देती है।
2. सांख्यिकी,
डेटा और उसके अनुप्रयोग के बीच संबंध का पता लगाने के साथ-साथ उनके बीच सम्बन्ध को स्थापित भी करती है।
3. सांख्यिकी डेटा का सटीक वर्णन करने में मदद करती है।
4. सांख्यिकी एक तार्किक प्रक्रिया होती है जो एक विशिष्ट प्रकार के चिंतन
, शब्दावली और भाषा निर्माण में योगदान देती है।
5. सांख्यिकी डेटा को
'बोलने'
को बाध्य करती है।
6. सांख्यिकी दोनों प्रकार के डेटा यानी गणना डेटा और मीट्रिक डेटा से संबंधित होती है।
सांख्यिकी के उपयोग
मनःशास्त्र में निम्नलिखित कारणों से सांख्यिकी का प्रयोग किया जाता है:-
1. किसी घटना के पीछे उपलब्ध के कारण-कारकों का विश्लेषण करना।
2. बड़ी मात्रा में उपलब्ध डेटा का सार निकालना एवं वर्णन करना।
3. व्यक्तियों और/या समूहों के बीच तुलना करना।
4. मापे जा सकने वाले चरों के बीच संबंध का पता लगाने या स्थापित करना।
5. भविष्यवाणी करना।
6. सांख्यिकी,
सूचित निर्णय लेने में सहायता करती है।
ध्यान देने योग्य कुछ बातें!
सांख्यिकी के उपयोग के साथ-साथ इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है,
इसलिए आँकड़ों के दुरुपयोग को रोकने एवं उससे बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
-
1. सांख्यिकी द्वारा निकाले गए अनुमानों की सावधानीपूर्वक व्याख्या करने की आवश्यकता होती है। गलत व्याख्याएं व्यर्थ प्रयासों से भी बदतर होती हैं
(गिलफोर्ड और फ्रूचर,
1978)।
2. किसी भी सांख्यिकीय तकनीक को प्रयोग करने से पहले शोधकर्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डेटा इच्छित सांख्यिकीय तकनीक की मान्यताओं को पूरा करता है या नहीं।
3. शोधकर्ता को सांख्यिकीय अनुमानों के आधार पर सामान्य टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
सांख्यिकी में इस्तेमाल होने वाले कुछ पदों का विवरण
1. गणना
(एन्यूमरेशन)
डेटा -
गणना के माध्यम से इकट्ठा किया गया डेटा जिससे आवृति बनाई जा सके को गणना डेटा कहा जाता है।
2. मीट्रिक डेटा -
वह डेटा जो किसी चर के मापन के परिणामस्वरूप प्राप्त किया गया हो।
3. माध्य,
माध्यिका और बहुलक
- एक ऐसी एकल संख्या जो किसी व्यक्ति,
समूह,
नमूने या किसी उत्पाद की स्थिति के बारे में वैज्ञानिक विवरण प्रदान करती है,
जो दूसरों के संदर्भ में एक सातत्य
(continuum) पर होती है।
4. मानक विचलन
- व्यक्तियों या प्रदत्तों के एक समूह में विचलनशीलता की मात्रा का सांख्यिकीय संकेतक।
5. सहसंबंध का गुणांक
- व्यक्तियों या प्रदत्तों के एक ही समूह के दो सेटों के बीच संबंध की निकटता की डिग्री और दिशा
(सकारात्मक या नकारात्मक)।
6. नमूना
- प्रयोग के लिए चयनित आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों का एक समूह।
7. प्रतिदर्श सांख्यिकी -
यह बताती है कि लिया
गया
प्रतिदर्श जनसंख्या का किस डिग्री तक प्रतिनिधित्व करता है।
8. मानक त्रुटि -
यह एक सूचकांक होता है जो हमें इस निष्कर्ष पर ले जाता है कि प्रतिदर्श संभाव्यता से प्राप्त डेटा उस मूल्य से कितना भिन्न है जो हमें सम्पूर्ण आबादी के मापन के बाद प्राप्त होता।
9. जनसंख्या -
लोगों का एक भली-भांती परिभाषित समूह।
कुछ सामान्य नोटेशन
1. Mean – किसी डेटा या आवृति वितरण का माध्य
2. s – किसी डेटा या आवृत्ति वितरण का मानक विचलन
3. s² – किसी डेटा या आवृत्ति का प्रसरण वितरण
4. µ - संभाव्यता वितरण का माध्य या
अपेक्षित
मूल्य या सैद्धांतिक वितरण।
5. σ – संभाव्यता वितरण का मानक विचलन।
6. σ² - संभाव्यता वितरण का प्रसरण।
7. ∑ - कुल योग
संदर्भ
:
Guilford,
J. P. and Fruchter, B. (1978). Fundamental Statistics in Psychology and
Education, 6th ed. Tokyo: McGraw-Hill.
https://todayinsci.com/M/Mahalanobis_Prasanta/
MahalanobisPrasanta-Quotations.htm.
Garrett,
H. E. (2014). Statistics in Psychology and Education. New Delhi: Pragon
International.
Levin,
J. & Fox, J. A. (2006). Elementary Statistics. New Delhi: Pearson.
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