दुश्चिंता विकार के प्रमुख प्रकार
1. सामान्यीकृत
दुश्चिंता
विकार
2. आतंक
विकार
(Panic disorder)
3. दुर्भीति
(Phobia)
4. मनोग्रस्ति
बाध्यता
विकार
5. अभिघातज
उत्तर
दबाव
विकार
(PTSD)
परिभाषा
“विशिष्ट
वस्तुओं,
अन्य
लोगों
के
साथ
परस्पर
क्रिया,
और
अपरिचित
स्थितियों
से
संबंधित
तर्कहीन
डर
को
दुर्भीति जाता
है।”NCERT.
दुर्भीति
किसी
वस्तु
या
स्थिति
जिसे
किसी
प्रकार
का
कोई
वास्तविक
खतरा
नहीं
हो
से
लगातार
डर
अनुभव
करना
तथा
खतरे
को
उसकी
वास्तविक
तीव्रता
से
बढ़ा
-चढ़ा
कर
आंकना
(Coleman,1988).
दुर्भीति (Phobia) की
प्रमुख
विशेषता
भय
या
दुश्चिंता
किसी
विशेष
स्थिति
या
वस्तु
की
उपस्थिति
के
कारण
होती
है।
परिचय
दुर्भीति दुश्चिंता विकारों का एक प्रकार होती है। यह एक प्रकार की भय प्रतिक्रिया होती है। अन्य चिंता विकारों के विपरीत, फोबिया विशिष्ट वस्तुओं, लोगों या स्थितियों से सीधे तौर पर संबंधित होता है। फोबिया अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है या सामान्यीकृत दुश्चिंता विकार के साथ शुरू होता है। जिस वस्तु से व्यक्ति को फोबिया होता है उससे सामना होते ही या उसके बारे में विचार आते ही व्यक्ति खतरनाक प्रतिक्रिया करने लगता है। जो लोग फोबिया से पीड़ित होते हैं उन्हें इस बात का अहसास होता है कि उनका डर तर्कहीन है, फिर भी वे इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। कभी-कभी डर इतना तीव्र होता है कि वह
व्यक्ति के जीवन के विभिन क्षेत्रों में हस्तक्षेप करने लगता है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति की उत्पादकता में गहरी और सार्थक गिरावट आती है।दुर्भीति
के
मुख्य
प्रकार
दुर्भीति
मुख्य
रूप
से
तीन
प्रकार
की
होती
है:
-
(i) विशिष्ट
दुर्भीति,
(ii) सामाजिक
दुर्भीति
(सामाजिक
दुश्चिंता
विकार),
और
(iii) अगोरा
फोबिया
(Fear from crowd)
कुछ
विशिष्ट
दुर्भीतियाँ
(i) Acrophobia (उच्च
स्थान
से),
(ii) Astraphobia (दर्द
से),
(iii) Claustraphobia (बंध
जगहों
से)
(iv) Hematophobia (रक्त),
(v) Mysophobia (संदूषण
या
रोगाणु
से),
(vi) Monophobia (अकेलेपन
से)
(vii) Nycotophobia (अन्धकार
से)
(viii) Ocholophobia (भीड़
से),
(ix) Pathophobia (रोग
से),
(x) Pyrophobia (आग
से),
(xi) Syphilophobia (आतशक),
(xii) Zoophobia (जानवरों
से),
एवं
(xiii) Nomobophobia (मोबाइल
फोन
के
बिना)।
लक्षण
(i) किसी
विशेष
वस्तु,
गतिविधि
या
स्थिति
से
भय
या
दुश्चिंता
की
अत्यधिक,
अनुचित
और
लगातार
अनुभूति।
(ii) संवेग
या
तो
तर्कहीन
हों या
खतरे
की
वास्तविकता
से
कहीं
अधिक
उसका
अनुभव।
(iii) ऐसी
वस्तु,
कोई
कार्य
या
स्थिति
जो
फोबिया
की
शुरुआत
करती
हो
से
बचने
की
प्रवृत्ति।
(iv) दुश्चिंता
से
संबंधित
शारीरिक
लक्षण
जैसे
झटके,
पसीना
आना,
सांस
लेने
में
तकलीफ
होना,
चक्कर
आना,
मितली
होना
आदि।
कारण
विशिष्ट
फोबिया
आमतौर
पर
बचपन
(शुरूआती
दौर)
में
विकसित
होता
है,
जिसमें
अधिकांश
मामलों
में
10 साल
की
उम्र
(DSM V) से
पहले
ही
विकसित
हो
जाते
हैं।
भय
में
अमिगडेला
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाता
है।
फोबिया
के
विकसित
होने
के
कुछ
कारण
नीचे
दिए
गए
हैं:
-
(i) एक
दर्दनाक
घटना
का
अनुभव।
(ii) दर्दनाक
घटना
का
अवलोकन।
(iii) अप्रत्याशित
पैनिक
अटैक।
(iv) सूचना
के
प्रसारण
से।
(ii) दुर्भाग्यपूर्ण
अनुभव
(आनुभाविक-विशिष्ट
फ़ोबिया)।
(iii) आनुवांशिक
कारक
(25 से
65%)।
(iv) पर्यावरणीय
कारक।
फोबिया
के
लिए
जिम्मेदार
प्रोटीन
और
रसायन
(न्यूरोट्रांसमीटर)
(i) GABA (अमिगडेला
अवरोधक)
(ii) डोपामाइन
(अमिगडेला
को
सक्रिय
करके)
(iii) नॉरपीनेफ्रिन
(अमिगडेला
को
सक्रिय
करके)
जोखिम
और
रोग-संबंधी
कारक
(i) विशिष्ट
फोबिया
हृदय
रोगों,
पेट
सम्बन्धी
रोगों,
श्वसन
रोगों,
गठिया
की
स्थिति,
माइग्रेन
और
थायरॉयड
रोगों
(हार्वर्ड
मेडिकल
स्कूल)
के
साथ
सहसंबंधित
पाया
गया
है।
(ii) मनो-सामाजिक
क्षेत्र
में
भारी
नुकसान
और
जीवन
की
गुणवत्ता
में
कमी।
(iii) व्यावसायिक
एवं
पारस्परिक
कामकाज
में
क्षति।
(iv) गिरने के
डर
से
(खास
करके
बड़ी
उम्र
के
लोगों
में
) जिसके
कारण
चलना
फिरना
और
सामाजिक
कार्य
कुशलता
में कमी
आने
लगती
है।
नैदानिक
मापदंड
(i) भय
या
दुश्चिंता
तीव्र
एवं
गंभीर
होनी
चाहिए।
(ii) जब
भी
व्यक्ति
फोबिया
(फोबिक
स्टिमुलस)
उत्पन्न
करने
वाली
वस्तु
के
संपर्क
में
आये
तो
हर
बार
भय
या
दुश्चिंता
का
उसे
अनुभव
हो।
(iii) फोबिया
उत्पन्न
करने
वाली
वस्तु
से
सामना
होते
ही
व्यक्ति
में
तुरंत
फ़ोबिक
प्रतिक्रिया
(भय
या
दुश्चिंता)
उत्पन्न
हो।
(iv) भय,
दुश्चिंता,
या
परिहार
(Avoidance) आम तौर
पर
6 महीने
या
उससे
अधिक
समय
तक
लगातार
अनुभव
हों
जो
विकार
को
क्षणिक
भय
से
अलग
करने
में
मदद
करें।
(v) विशिष्ट
फोबिया
नैदानिक,
सामाजिक,
व्यावसायिक
या
कामकाज
के
अन्य
महत्वपूर्ण
क्षेत्रों
में
नैदानिक
रूप
से
महत्वपूर्ण
संकट
या
क्षति
का
कारण
होना
चाहिए
ताकि
विकार
की
पहचान
आसानी
से
की
जा
सके।
(vi) लक्षणों
और
मानसिक
विकारों
के
पारिवारिक
इतिहास
की
गहराई
से
जाँच।
नोट:
फोबिया
की पहचान
करने
से
पहले
व्यक्ति
के
समाजिक
संदर्भ
को
भी
ध्यान
में
रखा
जाना
चाहिए।
फोबिया
की
विशेषताएं
(i) दुर्भीति में
भय
अवास्तविक
और
तर्कहीन
होता
है।
(ii) भय
लगातार
और
अत्यधिक
होता
है।
(iii) दुर्भीति
से
उत्पन्न
भय
व्यक्ति
में भारी
परेशानी
पैदा
कर
देता
है।
(iv) उद्दीपकों
के
प्रति
व्यक्ति
की
प्रतिक्रिया
असंगत
होती
है।
(v) दुर्भीति
वस्तुओं
या
स्थितियों
के
संपर्क
में
आने
से
उत्पन्न
होती
है।
कुछ
फ़ोबिक
उद्दीपक
(DSM V)
(i) जानवर
(जैसे,
कॉकरोच,
केंचुए,
मकड़ी
, कीड़े,
कुत्ते
आदि
)।
(ii) प्राकृतिक
वातावरण
(जैसे,
ऊंचाइयां,
तूफान,
पानी,
आंधियां
आदि
)।
(iii) रक्त-इंजेक्शन-चोट
(जैसे,
सुइयां,
चिकित्सा
सर्जरी
आदि)।
(iv) परिस्थितिजन्य
(जैसे,
हवाई
जहाज,
लिफ्ट,
बंद
स्थान
आदि)।
उपचार
उपचार
में
आमतौर
पर
फोबिया
के
प्रकार
के
आधार
पर
मनोचिकित्सा
और
दवा
के
कुछ
संयोजन
शामिल
होते
हैं:
(i) डिसेन्सिटाइजेशन
या
एक्सपोज़र
थेरेपी
(विश्राम
और
अन्य
योग
तकनीकों
के
माध्यम
से
डर
को
दूर
करना)।
(ii) संज्ञानात्मक
व्यवहार
थेरेपी।
(iii) दवाएं
(बीटा-ब्लॉकर्स
और
अवसादरोधी
दवाएं)।
(iv) इम्प्लोसिव
(Implosive) तकनीक।
सन्दर्भ
:
1. Coleman, C. J. (1988). Abnormal
psychology and modern life. Bombay, India: D. B. Taraporevala Sons & Co.
2. NCERT. (XII). Psychology Book.
3. DSM V Manual. Published by APA.
4. https://www.health.harvard.edu/a_to_z/phobia-a-to-z.
*******
No comments:
Post a Comment