एटकिंसन
और
शिफरीन का (1968) बहु-भण्डारण मॉडल (Multi-store Model)।
परिचय
लघुकालिक
स्मृति एक प्रकार
की
सूचना
रिले
प्रणाली होती है जो संवेदी स्मृति और दीर्घकालिक स्मृति के बीच पाई जाती है। पर संवेदी स्मृति में प्रवेश करने वाली सूचना अब अवधान के फलस्वरूप
स्मृति की अगली मेमोरी
प्रणाली में प्रवेश करती है जिसे लघुकालिक स्मृति कहा जाता है।
लघुकालिक स्मृति ऐसी एक स्मृति प्रणाली होती है जिसमें सूचना संक्षिप्त समय के लिए भण्डारण के साथ-साथ उसका उपयोग भी किया जाता है (Ciccarelli & Meyer, 2016)। एसटीएम
एक
सक्रिय प्रणाली होती है जो न केवल सूचना का संग्रहण
करती है बल्कि उपयोग
के
लिए
भी
इसे
संसाधित करती है। जॉर्ज मिलर (1956) के अनुसार एस टी एम की क्षमता
7±2 मद होती है। उन्होंने
इस
परिणाम पर पहुँचने के लिए अंक विस्तार
परीक्षण (डिजिट स्पैन
टेस्ट) का इस्तेमाल किया और इसे मैजिक नंबर कहा। हालांकि, एसटीएम
में मैजिक नंबर से अधिक सूचना की रिकॉर्डिंग, भंडारण और पुनर्गठन के लिए चैंकिंग (Chunking) तकनीक का उपयोग किया
जाता है।
बैडले
और
हिच
(1974) मॉडल के अनुसार, एस टी एम में निम्नलिखित तीन परस्पर संबंधित प्रणालियाँ पाई जाती हैं यानी
- केंद्रीय कार्यपालक (Central
Executive) – एस टी एम की सभी प्रणालियों
का
नियमन (Regulate), नियंत्रण और समन्वय (Coordination) करना जैसे संबंधित प्रणालियों को सूचना का आवंटन इत्यादि। इसे संज्ञानात्मक नियंत्रक कहा जा सकता है। मानसिक गणित और समस्या समाधान में मदद करता है।
- दृष्टि-स्थानिक स्कैच पैड (Visuo-spatial
sketch pad) – इसे आंतरिक
आंख
के
रूप
में
भी
जाना
जाता
है
जो
दृष्टि संबंधी सूचना को संग्रहीत और संसाधित करता है।
- ध्वन्यात्मक पाश (Phonological Loop) – इसे आंतरिक कान के रूप में भी जाना जाता है जो ऑडियो जानकारी को संग्रहीत करने और संसाधित करने में मदद करता है। यह व्यक्ति के आंतरिक संवाद में योगदान देता है। इसमें दो उप-प्रणालियाँ होती हैं यानी स्पष्टोच्चारण नियंत्रण (Articulatory control) (Speech production) और ध्वन्यात्मक
भण्डार गृह (Phonological store) (भाषण प्रत्यक्षण)।
विशेषताएं
1. लघुकालिक
स्मृति को कार्यकारी
स्मृति (Working Memory) के रूप में भी जाना जाता है।
2. लघुकालिक
स्मृति या लघुकालिक
भंडारण प्रणाली हमारे संज्ञान का मूल घटक होता है। संवेदी प्रणाली से गुजरने वाली सूचना लघुकालिक स्मृति तक पहुंच जाती है। इस प्रणाली में सूचना बहुत कम समय
के लिए ही उपलब्ध रहती है यानी 12 से 30 सेकंड
के
मात्र के लिए ही।
3. लघुकालिक स्मृति सूचना को केवल भंडारित करके रखती
है उसमे किसी प्रकार का परिवर्तन ये हेर फेर नहीं करती।
4. लघुकालिक कार्य व्यवधान के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं जबकि दीर्घकालिक कार्य लम्बे समय तक बरकरार रहते हैं (Solso, 2006)।
5. लघुकालिक स्मृति में हस्तक्षेप (नई सूचना के लिए जगह बनाने के लिए 5 से लेकर 9 सूचनाओं से अधिक सूचनाओं को हटाना) नामक एक प्रक्रिया पाई जाती है।
6. लघुकालिक स्मृति में प्राथमिकता और नवीनता नामक एक प्रक्रिया
पाई जाती है, जिसे आमतौर
पर
नवीनता प्रभाव के रूप में भी जाना जाता है।
7. लघुकालिक स्मृति में सामायिक क्षय (Temporal Decay) और चंक (Chunk) क्षमता की एक सीमा पाई जाती है।
8. सीमित क्षमता, सीमित अवधि, विस्थापन और चिन्ह क्षय के कारण लघुकालिक स्मृति में विस्मरण प्रक्रिया अधिक और तेज़ी से होती है।
9. एस
टी एम में सूचनाएँ तेज़ी से लुप्त
होती हैं जिसके कारण विस्मरण होता
है।
सन्दर्भ:
1. NCERT, XI Psychology Text book.
2. McLeod, S. A. (2009, Dec 14). Short-term
memory. Simply psychology: https://www.
simplypsychology.org/short-term-memory.html.
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