Monday, April 6, 2020

स्मृति के चरण


अर्थ
            एक समय अवधि में सूचना को धारण करना और फिर उसका प्रत्याह्वान करना।
            द्योतक सूचना (representative information) का एक संज्ञानात्मक भंडारगृह जहां प्रत्यावहन की आवृत्ति (Frequency of Recalling) इसकी अवधारण क्षमता (Retention ability) को मजबूत करती है।
            अतीत में भंडारित सूचना को याद करना।
परिभाषा
            स्मृति वह साधन है जिसके द्वारा हम वर्तमान में प्राप्त सूचना के उपयोग के लिए अपने पिछले अनुभवों का प्रयोग करते हैं (Sternberg, 1999)
            मानव मन में गत अनुभवों के कूट संकेतन (Encoding), भंडारण और पुनर्प्राप्ति या प्रत्याह्वान को स्मृति कहते हैं (britannica.com)

स्मृति के चरण
            स्मृति में निम्नलिखित तीन चरण निहित होते हैं जो स्वतंत्र तो होते हैं परन्तु एक दुसरे से परस्पर जुड़े हुए भी होते हैं। हमारी संवेदी प्रणाली के माध्यम से संज्ञानात्मक ज्ञानक्षेत्र (डोमेन) में प्रवेश करने वाली सूचना इन चरणों के माध्यम से ही वहां प्रवेश करती है।
चरण I – कूट संकेतन,
चरण II – भंडारण,
चरण III – पुनर्प्राप्ति,

(i)        कूट संकेतन (Encoding) – कूट संकेतन एक उद्दीपक या घटना के आरंभिक प्रसंस्करण के दौरान होने वाली प्रक्रिया होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे सूचना हमारी स्मृति में पहली बार इस प्रकार दर्ज और पंजीकृत (Record and Registered) होती है ताकि वह बाद में उपयोग की जा सके। जब भी कोई बाहरी उद्दीपक हमारे संवेदी अंगों को सक्रिय करता है, तो इससे सम्बंधित सूचना को हमारे संवेदी अंगों के विशिष्ट ग्राहक तंत्रिका आवेग में परिवर्तित कर देते हैं, जिन्हें मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्र, प्रसंस्करण के लिए ग्रहण करते हैं। कूट संकेतन में, आने वाली सूचना प्राप्त की जाती है और फिर कुछ अर्थ उसका उचित अर्थ निकाला जाता है। फिर इसे ख़ास तरह से दर्शाया जाता है ताकि इसे आगे भी संसाधित किया जा सके। परिपक्वता और अनुभव इस प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
(ii)       भंडारणजिस सूचना का कूट-संकेतन किया गया था उसे संग्रहीत किया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। भंडारण, वह प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से सूचना को संज्ञानात्मक स्टोर में भंडारित करके रखा जाता है।
(iii)      प्रत्याह्वान (Retrieval)कोई भी व्यक्ति भंडारित सूचना का उपयोग तभी कर सकता है जब वह उस सूचना की पुनरावृत्ति करने में सक्षम हो। प्रत्याह्वान का तात्पर्य संग्रहित सूचनाओं को अपनी जागरूकता तक लाने से होता है ताकि इसका उपयोग विभिन्न संज्ञानात्मक कार्यों जैसे समस्या को हल करने या निर्णय लेने में किया जा सके।

विशेष नोट - यह ध्यान रखना दिलचस्प हो सकता है कि स्मृति इनमें से किसी भी चरण में विफल हो सकती है। आप एक सूचना को याद करने में इसलिए विफल हो सकते हैं क्योंकि हो सकता है आपने ठीक से इसका कूट संकेतन न किया हो, या भंडारण कमजोर रहा हो, या आवश्यकता पड़ने पर आप इसे पुनः प्राप्त (प्रत्याह्वान) नहीं कर सकते हो।

सन्दर्भ:
1.         NCERT, XI Psychology Text book.
2.         http://egyankosh.ac.in/bitstream/123456789/20 694/1/Unit-2.pdf.


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