अर्थ
साहित्यिक अर्थ – याद रखने में विफल
मनोविज्ञान की दृष्टि से अर्थ – संग्रहीत जानकारी का वर्तमान मन:स्थिति में प्रत्याह्वान करने में असमर्थता।
परिभाषा
भाटिया
(2009) के अनुसार, "व्यक्ति द्वारा किसी विचार या विचार समूह को मूल उद्दीपकों की सहायता के बिना चेतना में पूर्वरूप में लाने में विफलता को विस्मरण कहा जाता है"।
ड्रेवर (1952) के अनुसार, "जब कोई प्रयास करते समय या पहले से सीखी गई क्रिया करते समय पिछले अनुभवों को याद करने में मिली विफलता को विस्मरण कहा जाता है।
परिचय
हरमन एबिंगहॉस (1913) ने 'विस्मरण' के अध्ययन का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने अपनी ही स्मृति के अध्ययन के लिए निरर्थक शब्दांश (व्यंजन-स्वर-व्यंजन) (अर्थहीन शब्द) बनाए। खुद पर किए गए उनके प्रयोगों से मिले परिणामों से उन्होंने एक वक्र बनाया, जिसे ‘विस्मरण वक्र’के नाम से जाना जाता है।
विस्मरण को अंजाम देने वाले कारक
विस्मरण किसी एक कारक होने वाली प्रक्रिया नहीं होती है, बल्कि यह कई सारे कारकों का सामूहिक कार्य होता है।
(i) मनोवैज्ञानिक कारक,
(ii) जैविक कारक,
(iii) सामाजिक कारक,
(iv) सूचना की प्रकृति से संबंधित कारक, एवं
(v) पर्यावरणीय कारक।
(i) मनोवैज्ञानिक कारक – विस्मरण अधिकांशतः मनोवैज्ञानिक कारकों के कारण होता है। इन कारकों के कारण होने वाले विस्मरण को मनोवैज्ञानिक स्मृतिलोप कहा जाता है।
कुछ मनोवैज्ञानिक कारक: -
- कूट संकेतन
में
विफलता,
- भण्डारण
में
विफलता,
- प्रेरित
विस्मरण - इस प्रकार के विस्मरण में व्यक्ति चेतन या अचेतन रूप से अपनी भावनाओं,
संवेगों और मनोभावों का दमन करके उनको भूलने का प्रयत्न करता है। चेतन रूप से किया गया दमन Suppression कहलाता
है
और
अचेतन
रूप
से किया गया दमन Repression कहलाता है।
- पर्याप्त
संज्ञानात्मक प्रसंस्करण, अवधान और ध्यान की कमी,
- अनुपयोग,
- पूर्वाभ्यास
में
कमी
या
उसमें
देरी,
- अवरोध,
- अनुचित
समेकन
या
इसका
अभाव,
एवं
- संदर्भ
का
अभाव।
(ii) जैविक कारक – स्मृति, संज्ञानात्मक प्रणाली का ही एक उप-भाग होता है जिसका तंत्रिका तंत्र द्वारा रखरखाव और प्रबंधन किया जाता है। इस तंत्रिका तंत्र में किसी भी प्रकार का अवरोध विस्मरण का कारण बन सकता है। अवरोध निम्न कारणों से उत्पन्न हो सकते हैं: -
- सिर में लगी चोट के कारण,
- संक्रमण
या
बीमारी के कारण,
- मानसिक
स्वास्थ्य में अवरोध के कारण,
- औषधि दुरूपयोग
के
कारण,
- किसी प्रकार
के
आघात
के
कारण,
- उम्र बढ़ने
से
हुए
प्राकृतिक ह्रास के कारण, एवं
- व्यायाम
और
सम्पूर्ण आहार का अभाव।
(iii) सामाजिक कारक – विस्मरण, स्मृति के विपरीत होने वाली प्रक्रिया होती है। स्मृति एक सामाजिक प्रक्रिया होती है जो सामाजिक अंतःक्रिया से प्रभावित होती है (Barber & Mather, 2013)। इसलिए, निम्नलिखित सामाजिक कारक भी विस्मरण में अपना योगदान देते हैं।
- अंतर्वैयक्तिक
संबंधों का स्तर,
- सामाजिक
अंतःक्रिया का स्तर,
- अंतःक्रिया
और
लिंग
(अपने
समलिंगों से अंतःक्रिया से विस्मरण को बढ़ावा मिलता
है
जबकि
विभिन्न लिंग से अंतःक्रिया से विस्मरण में अवरोध पैदा होता है (Barber&
Mathra, 2013), एवं
- सामूहिक
विस्मरण।
(iv) सूचना की प्रकृति से संबंधित कारक – आने वाली सूचना सूचना प्रकृति भी विस्मरण को प्रभावित करती है। निरर्थक सूचनाओं की तुलना में सार्थक सूचनाओं को लंबे समय तक याद रखे जाने की संभावना अधिक होती है।
- अरुचिकर
सूचना,
- जोर जबरदस्ती
से
सीखी
गई
सूचना,
- सूचना
सूचना
निरर्थकता,
- सूचना
की
नवीनता,
- सूचना
में
संवेग
उत्पन्न करने की क्षमता,
- आत्मकथात्मक
सूचना,
- सूचना
में
अमूर्तता का स्तर,
एवं
- सूचना
को
प्रस्तुति करने की शैली [लिखकर, बोलकर, गा कर गई आदि]।
(v) पर्यावरणीय कारक – विस्मृति तत्काल पर्यावरणीय [भौतिक परिवेश] कारकों से भी प्रभावित होती है।
- बाह्य
प्रसंग जैसे स्थान, गंध, स्थितियाँ, ध्वनि आदि, एवं
- एक स्थान
से
दूसरे
स्थान
अर्थात भौतिक स्थानों का स्थानांतरण (Radvansky et
al. 2010)।
सन्दर्भ:
1. NCERT, XI Psychology Text book.
2. Beiner, Guy (2018). Forgetful
Remembrance: Social Forgetting and Vernacular Historiography
of a Rebellion in Ulster. Oxford University Press. ISBN 9780198749356.
3. Brown, J. (1958). Some tests of the decay
theory of immediate memory. Quarterly
Journal of Experimental psychology, 10, 12-21.
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