Friday, April 3, 2020

स्मृति परिभाषा और अर्थ


अर्थ
          एक समय अवधि में सूचना को धारण करना और फिर उसका प्रत्याह्वान करना।
          द्योतक सूचना (representative information) का एक संज्ञानात्मक भंडारगृह जहां प्रत्याह्वान की आवृत्ति (Frequency of Recalling) इसकी अवधारण क्षमता (Retention ability) को मजबूत करती है।
          अतीत में भंडारित सूचना को याद करना।
परिभाषा
            स्मृति वह साधन है जिसके द्वारा हम वर्तमान में प्राप्त सूचना के उपयोग के लिए अपने पिछले अनुभवों का प्रयोग करते हैं (Sternberg, 1999)
            मानव मन में गत अनुभवों के कूट संकेतन (Encoding), भंडारण और पुनर्प्राप्ति या प्रत्याह्वान स्मृति कहते हैं (britannica.com)  

परिचय
            हर्मन एबिंगहॉस (1885) स्मृति से संबंधित वैज्ञानिक अध्ययन करने वाले पहले व्यक्ति थे (Solso, 2006)। स्मृति के अध्ययन के लिए वे स्वयं ही प्रतिभागी (Subject) बन गए, और निरर्थक शब्दांश (तीन अक्षर वाले व्यंजन-स्वर-व्यंजन शब्द) का आविष्कार किया।

            विलियम जेम्स (1890) ने अंतर्दर्शन विधि (Introspection method) के माध्यम से स्मृति को प्राथमिक (तत्काल) और द्वितीयक (अप्रत्यक्ष या स्थायी) प्रकारों में वर्गीकृत किया। प्राथमिक स्मृति वह जो कुछ सेकंड तक रहती है और सूचना को हमारी चेतना में संजोय रहती है और द्वितीयक स्मृति वह जो सूचना को असीमित अवधि के लिए भंडार करके रखती है और जरूरत पड़ने पर जिसे चेतना में लाया जा सकता है (learning-theories.org)।
            1932 में फ्रेडरिक बार्टलेट ने सुझाव दिया कि स्मृति निष्क्रिय होकर एक सक्रिय प्रक्रिया होती है। उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन के लिए मौखिक सामग्री (कहानियां एवं वाक्यों) का प्रयोग किया।


इस दृष्टिकोण के अनुसार संज्ञानात्मक प्रणाली में भंडारित सूचना समय के साथ परिवर्तनों और संशोधनों से गुजरती है। इसलिए हमने जो शुरू में याद किया था और जिसे बाद में हम याद करते हैं उसमें गुणात्मक अंतर होता है (NCERT)।
            1965 में वॉ एंड नॉर्मन ने स्मृति का एक मॉडल सुझाया जिसमें प्राथमिक और द्वितीयक स्मृति के बीच संबंधों को समझाया गया था हम इस मॉडल के अनुसार सूचना का एक भाग पहले प्राथमिक स्मृति में प्रवेश करता है उसके बाद अगर पर्याप्त प्राभ्यास किया जाता है तो वह द्वितीयक स्मृति में प्रवेश कर जाता है और पर्याप्त प्राभ्यास न किये जाने की स्थिति में वह वहां पर अल्प समय के लिए रहता है जिसे बाद में हम भूल जाते हैं।



            1968 में एटकिंसन और शिफरीन ने स्मृति के तीन चरण मॉडल का प्रस्ताव रखा जिसे आम तौर पर सूचना प्रसंस्करण मॉडल के रूप में भी जाना जाता है। इस मॉडल के अनुसार स्मृति में तीन सिस्टम होते हैं। कोई भी सूचना जो संवेदी प्रणाली के माध्यम से प्रवेश करती है कुछ समय के लिए संवेदी स्मृति में दर्ज हो जाती है। चयनात्मक अवधान (Selective Attention) उस सूचना को अल्पकालिक स्मृति (STM) में स्थानांतरित कर देता है, जहां पर यह सूचना तब तक रहती है जब तक अवधान (पूर्वाभ्यास) जारी रहता है। और यदि इस सूचना से सम्बंधित पर्याप्त पूर्वाभ्यास  होता है तो यह सूचना दीर्घकालिक स्मृति (LTM) में प्रवेश कर जाती है (Ciccarreli and Mayor, 2012).

            1974 में बैडले एवं हिच (1974) ने एक मॉडल का सुझाव दिया था जिसमें उन्होंने बताया गया था कि अल्पकालिक स्मृति (STM) में तीन प्रणालियां होती हैं यानी केंद्रीय कार्यपालक (Central Executive), फोनोलॉजिकल लूप और दृष्टि -स्थानिक स्कैच पैड (Visuo-spatial sketch pad)।


स्मृति की विशेषताएं
(i)        पूर्वाभ्यास किसी भी सूचना के भंडारण और प्रत्याह्वान की कुंजी होती है।
(ii)       स्मृति, प्रत्यक्षण, अवधान और अधिगम की सहायता से बनती है और उन सभी को प्रभावित भी करती है (britannica.com)
(iii)      स्मृति क्षणिक या जब तक हम पंचतत्व में विलीन नहीं हो जाते (आजीवन) तक रह सकती है।
(iv)      स्मृति, सूचना में हेर-फेर भी कर सकती है और आमतौर पर कर भी देती है।
(v)       स्मृति अनुकूली और लचीली भी होती है।
(vi)      विस्मरण (भूलना) स्मृति का विलोम पक्ष होता होता है।
(vii)     स्मृति को दीर्घकालिक भंडारण प्रणाली में जाने के लिए कई दिन या कई साल भी लग सकते हैं।
(viii)    सेरेब्रल कॉर्टेक्स, सेरिबैलम, और हिप्पोकैम्पस की सूचना के भंडारण और प्रसंस्करण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
(ix)      विस्मरण क्षय (Decay) की तुलना में हस्तक्षेप से (interference) अधिक प्रभावित होता है (Solso, 2006)

मस्तिष्क के क्षेत्र जो स्मृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
1.         हिप्पोकैम्पस लघुकालिक स्मृति से दीर्घकालिक स्मृति तक सूचना का हस्तांतरण।
2.         सेरेब्रल कॉर्टेक्स और विशेष रूप से प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स।
3.   मीडियल टेम्पोरल लोब (टेम्पोरल लोब का आंतरिक भाग) घोषणात्‍मक (declarative) और घटनापरक (Episodic) स्मृति में भूमिका निभाते हैं।
4.        एमिग्डाला संवेगात्मक प्रतिक्रियाओं के प्रसंस्करण और स्मृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5.         बेसल गैन्ग्लिया प्रणाली प्रक्रियामूलक स्मृति (Procedural Memory) के निर्माण और प्रत्याह्वान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
6.         टेम्पोरल लोब बातचित और दृष्टि दोनों में शब्दार्थ के प्रसंस्करण की प्रक्रिया और दीर्घकालिक स्मृति के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है।

सन्दर्भ:
1.         NCERT, XI Psychology Text book.
2.       https://www.learning-theories.org/doku.php?id=memory_models:a_brief_history_of_ human_memory_systems.


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