Friday, March 22, 2019

संगठनात्मक मनोविज्ञान की प्रकृति व क्षेत्र




परिचय          

            संगठनात्मक/औद्योगिक मनोविज्ञान कार्यस्थल पर मानव व्यवहार का अध्ययन करने के लिए एक अंतःविषय दृष्टिकोण है। संगठनात्मक व्यवहार का अध्ययन और विश्लेषण करने के लिए लिए संगठनात्मक/औद्योगिक मनोविज्ञान समाजशास्त्र और एंथ्रोपोलॉजी जैसे विषयों से उचित ज्ञान को एकीकृत और उसे व्यवहार में लाने का प्रयास करता है।



अर्थ

            कार्यस्थल और संगठनों के मनोविज्ञान संबंधी वैज्ञानिक अध्ययन को संगठनात्मक मनोविज्ञान कहा जाता है।



परिभाषा        

            फ़ेरहम (2005) के अनुसार, "संगठनात्मक मनोविज्ञान किसी भी संगठन में व्यक्ति के व्यवहार का अध्ययन होता है, यह छोटे और बड़े समूहों और संगठन के साथ भी संबंधित होता है क्योंकि यह व्यक्ति पर सार्थक प्रभाव डालता है"

            औद्योगिक/संगठनात्मक मनोविज्ञान (I/O मनोविज्ञान) व्यावहारिक मनोविज्ञान का एक ऐसा क्षेत्र है जो कार्यस्थल पर मनोविज्ञान के मूलभूत वैज्ञानिक सिद्धांतों को लागू करता है ताकि कार्य को अधिक सुखद और उत्पादक बनाया जा सके (study.com).

प्रकृति

            औद्योगिक/संगठनात्मक मनोविज्ञान में विविध प्रकार के विषयों का समावेश होता है क्योंकि कार्य और संगठन की प्रकृति हमेशा गतिशील होती है जो समय के साथ-साथ  विकसित होती रहती है। यह कार्यस्थल पर पायी जाने वाली मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली पर केंद्रित होती है जिसमें मानव व्यवहार से संबंधित कुछ पहलुओं जैसे कि स्थिति, संबद्धता, उपलब्धि, शक्ति और धन आदि का अध्ययन किया जाता है। पी (Organizational Psychology) का मूल केंद्र उस मौलिक समझ पर आधारित होता है जिसका औद्योगिक और संगठनात्मक संदर्भ में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। मानव व्यवहार में निहित व्यक्तिगत भिन्नताओं के कारण ओ पी की आवश्यकता होती है। विभिन्न प्रकृतियों व स्वभाव के लोगों के बीच समन्वय स्थापित करना ही औद्योगिक और संगठनात्मक मनोविज्ञान का अध्ययन क्षेत्र होता है। यह परोक्ष रूप से संगठनों और उनकी संरचनाओं से संबंधित होता है। जिस प्रकार संगठन गतिशील होते हैं ठीक उसी प्रकार ओ पी का अध्ययन भी गतिशील होता है जिसे प्रासंगिक रहने के लिए संगठनों के साथ चलना व बदलना होता है।  

      यह कोई पृथक अध्ययन क्षेत्र नहीं होता है, बल्कि संगठनात्मक ताने बाने पर केंद्रित एक अंतःविषय क्षेत्र होता है। कोई भी संगठन समाजीकरण और सामाजिक प्रभाव का महत्वपूर्ण स्रोत होता है। ये दो पहलू यानि ‘समाजीकरण और सामाजिक प्रभाव सामाजिक शिक्षा को प्रभावित करते हैं जो कार्य स्थल के वातावरण को संवारने का काम करती है। ओ पी का ध्येय कर्मचारियों को खुश और संतुष्ट रखते हुए उत्पादकता में लगातार सुधार करना होता है। व्यक्ति को ‘माइक्रो कार्य को ‘मेसो और संगठन को ‘मैक्रो (कोज़लोस्की, 2012) कहा जाता है।



क्षेत्र

1.    उद्योग और संगठन।

2.    ऐसे संस्थान जहां लोगों का समूह काम करता है।

3.    वाणिज्य और व्यावसायिक संस्थान।

4.    टीमों और नेतृत्व निर्माण सम्बन्धी कार्यक्रम।

5.    कार्य संगत व्यक्तियों की नियुक्ति के लिए मॉड्यूल का विकास करना।

6.    कार्यस्थल  वातावरण का विकास करना जहाँ विभिन्न स्वभाव के लोग काम करते हो।

7.    पेशेवर आचार संहिता का विकास जहां व्यक्ति पेशेवर आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय ले सके।

                                   



References:

1.         Kozlowski, W. J. S (2012). The Oxford Handbook of Organizational Psychology.

2.         NCERT, XI Psychology Text book.

3.        https://study.com/academy/lesson/what-is-industrial-organizational-psychology-definition-history-topics.html

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