Saturday, September 14, 2019

विज्ञान के रूप में उभरने की यात्रा



परिभाषा
           मनोविज्ञान व्यवहार प्रबंधन का वैज्ञानिक अध्ययन है( डॉ राजेश वर्मा)
“मनोविज्ञान को मानसिक प्रक्रियाओं, अनुभवों और विभिन्न संदर्भों में व्यवहारों का अध्ययन करने वाले विज्ञान के रूप में परिभाषित किया गया है (एन सी ईआर टी, XI).
वैज्ञानिकों की कलम से    
"इस पुस्तक (शारीरिक मनोविज्ञान के सिद्धांत, 1873-74/1910, दो खंड) में जो मैंने जनता के सामने प्रस्तुत किया है वह विज्ञान के एक नए क्षेत्र को चिह्नित करने का एक प्रयास है" - Wilhelm Wundt, 1874
अगर मुझे पता होता कि मेरी रचनात्मकता जो मेरी पूरी ज़िंदगी की कमाई है, का नतीजा परमाणु बम होगा, तो मैं कभी भी भौतिक विज्ञानी नहीं रहा होता तथाअगर मुझे एक और जीवन मिला तो मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं की कृपयामुझे एक भौतिक विज्ञानी बनाने के बजाय एक प्लम्बर बनाये। "- अल्बर्ट आइंस्टीन
विज्ञान क्या है?
विज्ञान मानवता के लिए एक सुंदर उपहार है; हमें इसे विकृत नहीं करना चाहिए ”- . पी. जे.अब्दुल कलाम

खोज के बाद प्राप्त हुआ ज्ञान और उसके अनुप्रयोग की एक व्यवस्थित प्रक्रिया को विज्ञान कहा जाता है

विज्ञान की विशेषताएं
1.       प्रयोगों और अवलोकन के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करना।
2.       प्रकृति को समझने के लिए अनुभवजन्य {अनुभववाद (जॉन लॉक द्वारा प्रस्तावित)
में कहा गया है कि ज्ञान का एकमात्र स्रोत हमारी इंद्रियों के माध्यम से आता है - जैसे दृष्टि, श्रवण आदि} विधियों का उपयोग।
3.       चरों का नियंत्रण और उनमें हेरफेर।
4.       वस्तुनिष्ठ अवलोकन।
5.       परीक्षण, पुनः परीक्षण और परिणामों का सत्यापन।
6.       प्रतिकृति (दोहराना) और पूर्वानुमान।

लीपज़िग लैब के स्थापना से पूर्व मनोविज्ञान से सम्बंधित  कुछ महत्वपूर्ण  खोजें
1.       रेने डेकार्टेस (1596-1650) मनुष्यों में पाए जाने वाली प्रतिवर्त क्रिया और विशेषताओं का वर्णन करते हैं तथा यह बताते हैं कि मनुष्य तर्कसंगत मन के साथ संपन्न होता है (गुडविन, 2008)
2.       हरमन वॉन हेल्महोल्त्ज़ (1821-1894) दृश्य और श्रवण प्रत्यक्षण में अग्रणी, रंगदृष्टि के तीन रंगो (ट्राइक्रोमैटिक) के सिद्धांत का प्रतिपादन, श्रवण के प्रतिध्वनि सिद्धांत औरअनुभूति के लिए अनुभववादी दृष्टिकोण का प्रतिपादन (गुडविन, 2008)
3.       फिनीस गेज का प्रसिद्ध मामला (1848)-जिसने यह दिखाया की मस्तिष्क क्षति व्यक्तित्व और व्यवहार में अपरिवर्तनीय परिवर्तनों का कारण बन सकती है। 
4.       1861 में पौल ब्रोका द्वारा      मस्तिष्क में वाणी केंद्र की खोज।
5.       1874 में कार्ल वर्निक द्वारा मस्तिष्क में वाणी को समझने में मदद करने वाले केंद्र
की खोज।

विज्ञान के रूप में यात्रा
          मनोविज्ञान एक विज्ञान के रूप में 1879 में विल्हेम वुंड्ट द्वारा लीपज़िग विश्वविद्यालय में पहली प्रयोगशाला खोलने से पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर चुका था। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि प्रयोगशाला, विज्ञान की पहचान होती है और मनोविज्ञान प्रयोगशाला के शुरू होने के साथ ही इस लीग में शामिल हो गया। किसी घटना का वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करने के लिए प्रयोगशाला में अनुभवजन्य विधियों का उपयोग किया जाता है। इसी प्रकार मनोविज्ञान में भी प्राकृतिक विज्ञान के तरीकों को अपना कर मनोवैज्ञानिक पहलुओं, अवधारणाओं और सिद्धान्तों का अन्वेषण और अध्ययन किया जाने लगा।
मनोविज्ञान ने संरचनावाद (आत्मनिरीक्षण) से संज्ञानात्मक विज्ञान (गैर-इनवेसिव तकनीक) तक लंबा सफर तय किया है। ये मुकाम हासिल हुआ निम्नलिखित के कारण-
(i)      कठोर अनुसंधान 
(ii)     आलोचनात्मक अन्वेषण
(iii)    विश्वसनीय और वैध मापनियों का विकास
(iv)    सहकर्मियों द्वारा अनुसंधान की व्यापक समीक्षा
(v)     समाज की समस्याओं का वैज्ञानिक तरीके से समाधान
(vi)    सिद्धांतों के अनुप्रयोग द्वारा नए क्षेत्रों में विस्तार
इस विकास यात्रा के दौरान मनोवैज्ञानिकों ने हाइपोथीटीको-डिडक्टिव मॉडल (कार्ल पॉपर, 1935) का उपयोग करते हुए स्मृति, अवधान, प्रत्यक्षण, बुद्धि, संवेग, अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धांतों का विकास किया। इस मॉडल का अर्थ होता है कि कोई भी विषय तभी वैज्ञानिक हो सकता है जब किसी घटना को समझने के लिए उस विषय के पास उचित सिद्धांत हों।
          दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दृष्टिकोण जिसने मनोविज्ञान को विज्ञान में प्रतिरूपित किया है वह हैक्रमागत उन्नति की अवधारणा(Evolutionary approach) जो कि जैविक विज्ञान का क्षेत्र है। क्रमागत उन्नति दृष्टिकोण मानव प्रकृति को पैतृक वातावरण में बार-बार उत्पन्न वाली समस्याओं के लिए विकसित मनोवैज्ञानिक अनुकूलन के सार्वभौमिक सेट के उत्पाद के रूप में देखता है।
          मनोवैज्ञानिकों ने वस्तुनिष्ठ, सटीक माप और अनुभववाद को जांच की विधि के रूप में अपनाया {जॉन लॉक, यह बताते हैं कि ज्ञान का एकमात्र स्रोत हमारी इंद्रियों (दृष्टि, श्रवण आदि) के माध्यम से आता है। (मैकलियोड, 2008)} जिसके फलस्वरूप मनोविज्ञान विज्ञान की राह की और तेजी से अग्रसर हुआ।
आत्मनिरीक्षण विधि के माध्यम से मन की संरचना का अध्ययन करने से शुरू होने वाला विषय अब उन्नत मॉडल, प्रयोगों और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उच्च मानसिक प्रक्रियाओं का व्यव्हार के साथ सम्बन्ध की खोज में जुटा है।
           हालांकि मनोविज्ञान ने विज्ञान का रूप धारण कर लिया है लेकिन मानसिक प्रक्रियाओं की पेचीदगियों के कारण एक प्राकृतिक विज्ञान की तरह सम्पूर्ण नियंत्रण, अवलोकन, भविष्यवाणी, मानव व्यवहार का सटीक सत्यापन अभी तक संभव नहीं हो पाया है।
           मनोविज्ञान एक पुल की तरह है जो विज्ञान को सामाजिक विज्ञानों से जोड़ता है, यह व्यक्ति पर निर्भर करता है की वह किस दृष्टिकोण का चयन करता है।

सन्दर्भ:
1.       NCERT, XI Psychology Text book.
2.       https://en.wikipedia.org/wiki/Evolutionary _psychology.
3.       Goodwin, C. J. (2008). A History of Modern Psychology. Hoboken: John Wiley & Sons.
4.       https://www.simplypsychology.org/science-psychology.html

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