Monday, November 22, 2021

नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के परिणाम

 

     

अर्थ-एवं-परिभाषा

     मादक द्रव्य या नशीली दवाओं का दुरुपयोगअवैध पदार्थों या दवाओं का सेवन और निर्धारित दवाओं और शराब का अत्यधिक उपयोग या सेवन।

 शराब, अवैध दवाओं और मनो-सक्रिय (साइकोएक्टिव)पदार्थों का हानिकारक या खतरनाक स्तर तक उपयोग करना नशा कहलाता है (भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल)

 परिणाम

1.       मनःशस्त्रीय या मनोवैज्ञानिक,

2.       शारीरिक,

3.       सामाजिक, और

4.       वित्तीय / आर्थिक।

1.       मनःशस्त्रीय या मनोवैज्ञानिक,

          (i) जीवन में घटित होने वाली दबावपूर्ण घटनाएं,

(ii) मनोरोग के कारण सामान्य जीवन से विचलन,

(iii) मनोविकृति और अवसाद,

(iv) दुश्चिंता और फ़ोबिक प्रतिक्रियाएं

(v) निम्न आत्मसम्मान और मनोदशा में तेज़ी से परिवर्तन,

(vi)संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं का अभाव (स्मृति, ध्यान, धारणा),

(vii) आश्रितों पर नकारात्मक प्रभाव (परिहार, आत्महत्या का विचार, भार्मिक ईर्ष्या, संकट, चुनौतियों का सामना करने में विफलता),

(viii) व्यवहार संबंधी असामान्यताएं (असावधानी, अतिसक्रियता, आवेग, विरोधी  व्यवहार, जोखिम लेने  झुकाव और आचरण सम्बन्धी समस्याएं)

 

2.       शारीरिक

(i)       जल हुए होंठ।

(ii)      मृत्यु या आत्महत्या।

(iii)      दवा पर अतिनिर्भरता।

(iv)      प्रतिपुष्टि निषेध (Feedback inhibition)।

(v)      नशे के सम्बन्धी सहनशीलता में वृद्धि।

(vi)      आहर्ता लक्षण (Withdrawal symptoms)।

(vii)     चोट के निशान।

(viii)    दृष्टि सम्बन्धी दोष।

(ix)      त्वचा और यौन रोग।

(x)       संपर्क सम्बन्धी रोग (एचआईवी, एसटीडी, हेपेटाइटिस सी)।

(xi)      भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव (जन्म दोष, विकासात्मक मुद्दे)।

(xii)     नींद की कमी, भूख और शारीरिक स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट।

(xiii)    शराब और भांग युवाओं में समय से पहले हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकती है (ओआरआर, 2020)।

(xiv)    कौशिका जरण में तेज़ी , तंत्रिका संबंधी समस्याएं, मस्तिष्क के धूसर पदार्थ में  औसत से अधिक नुकसान।

 3.       सामाजिक

(i)       दूसरों का व्यक्ति से बचकर निकलना,

(ii)      खराब अंतर्व्यक्तिक संबंध,

(iii)      कानूनी समस्याएं (गिरफ्तारी, जेल आदि)

(iv)      शैक्षणिक संस्थान से ड्रॉप आउट,

(v)      अपराधी या आपराधिक कृत्य का शिकार।

(vi)      बर्बाद पारिवारिक जीवन (घरेलू हिंसा)

(vii)     सामाजिक कार्यों एवं दायित्वों को पूरा करने में विफलता।

(viii)    यौन शोषण  एवं इसकी अधिक सम्भावना।

(ix)      परिवार के सदस्यों के  मध्य निराशा और क्रोध ।

(x)       पति या पत्नी द्वारा परित्याग।

 

4.       वित्तीय/आर्थिक

(i)       नौकरी खो जाना,

(ii)      सरकारों पर आर्थिक बोझ।

(iii)      संसाधनों की अत्यधिक निकासी के कारण वित्तीय संकट।

(iv)      पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी।

(v)      तस्करी और अवैध व्यापार के कारण सरकारी नुकसान।

(vi)      दवा की उच्च लागत जिसके कारण वित्तीय संसाधनों पर दबाव।

(vii)     उपचार की उच्च लागत और उत्पादक समय का नुकसान।

5.       उपचार और उपचारिय हस्तक्षेप

(i)       दवा (थियामिन, मैग्नीशियम सल्फेट और विटामिन बी और अन्य)।

(ii)      पारिवारिक हस्तक्षेप चिकित्सा।

(iii)      सामना करने की बेहतर रणनीति सीखना।

(iv)      जीवन शैली में सकारात्मक संशोधन।

(v)      सहकर्मी समूह में परिवर्तन।

(vi)      मनोचिकित्सा।

 

संदर्भ:

1.        Murthy, P., Manjunatha, N., Subodh, B. N., Chand, P. K., & Benegal, V. (2010). Substance use and addiction research in India. Indian journal of psychiatry, 52(Suppl 1), S189–S199. https://doi.org/10.4103/0019-5545.69232

2.        https://www.nhp.gov.in/disease/non-communicable-disease/substance-abuse.

3.        https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3146212.

 

 

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